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Titanic Submarine: जान का जोखिम और तमाम हादसों के बाद भी लोग क्यों चुनते हैं एडवेंचर? जानें क्या है फ्रंटियर टूरिज्म

Titanic Submarine and Frontier Tourism: फ्रंटियर टूरिज्म को लेकर अब लोग ज्यादा जागरूक होते जा रहे हैं. एडवेंचर टूरिज्म इंडस्ट्री आज अरबों डॉलर की है और अभी भी तेजी से बढ़ रही है. टाइटैनिक सबमरीन हादसे के बाद एकबार फिर से फ्रंटियर टूरिज्म को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

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हाइलाइट्स
  • जान का जोखिम होने के बाद भी लोग चुनते हैं एडवेंचर

  • फ्रंटियर टूरिज्म को लेकर उत्साहित रहते हैं लोग

रिमोट लोकेशन पर जाना और वहां जाकर एडवेंचर करना कई लोगों की बकेट लिस्ट में शामिल होता है. हममें से कई लोग ऑनलाइन वीडियो से बहुत ज्यादा प्रेरित हो जाते हैं और जोखिमों और परिणामों के बारे में सोचे बगैर एडवेंचर पर चले जाते हैं. इसी कड़ी में अब टाइटैनिक के मलबे का पता लगाने के लिए गई एक पनडुब्बी के समुद्र की गहराई में जाने और उसमें सवार लोगों की मौत की पुष्टि की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया है. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब फ्रंटियर टूरिज्म को लेकर चर्चा चली हो. ऐसे तमाम हादसों के बाद भी लोग इतने लेकर इतने ही उत्साहित रहते हैं. 

इस घटना की भयावहता एकबार फिर सवाल उठाती है कि लोग दूरदराज के स्थानों में जोखिम भरी पर्यटन गतिविधियों में क्यों शामिल होते हैं और क्या इससे जुड़े नियमों को लेकर और सख्त होने की जरूरत है. 

क्या है फ्रंटियर टूरिज्म?

दरअसल, इस प्रकार की यात्रा को "फ्रंटियर टूरिज्म" कहा जाता है. ये अब बड़ा व्यवसाय बनता जा रहा है. एडवेंचर टूरिज्म इंडस्ट्री आज अरबों डॉलर की है और अभी भी तेजी से बढ़ रही है. इसमें भी फ्रंटियर टूरिज्म इसका सबसे खतरनाक और साहसिक रूप है.

फ्रंटियर टूरिज्म के ट्रिप बहुत महंगे होते हैं, इनका उद्देश्य हमारे ग्रह की बाहरी सीमाओं जैसे गहरे महासागरों, ऊंचे पहाड़ों, ध्रुवीय क्षेत्रों - और यहां तक ​​कि अंतरिक्ष तक जाना शामिल होता है. हालांकि, फ्रंटियर टूरिज्म कोई नई बात नहीं है. इंसानों ने पिछली कई शताब्दियों में दूरस्थ स्थानों तक की खोज की है. पेसिफिका लोग प्रवास और व्यापार के लिए महासागरों में नेविगेट करने के लिए सितारों का उपयोग करते थे. यूरोपीय लोग उस भूमि के किनारों तक पहुंचे हैं जिसे वे चपटी पृथ्वी मानते थे. हालांकि, हाल के वर्षों में, माउंट एवरेस्ट पर लंबी कतारों की आम घटना, अंटार्कटिका में ड्रेक पैसेज को पार करने की ट्रेंडिंग टिकटॉक घटना और अमीरों के लिए अंतरिक्ष पर्यटन के तेजी से विकास के कारण लोगों का ध्यान फ्रंटियर टूरिज्म पर ध्यान आकर्षित हो रहा है. 

फ्रंटियर टूरिज्म को लेकर फिर भी इतने उत्साहित क्यों रहते हैं?

कहा जाता है कि ज्यादा रिस्क वाली गतिविधियां हमारे दिमाग में ऐसे केमिकल छोड़ती हैं जिनकी लत लग सकती है. शोध से पता चलता है कि ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने जैसी जोखिम भरी पर्यटन गतिविधियों में शामिल होने से उपलब्धि और उत्साह की भावनाएं आ सकती हैं. ऐसे एक्सपीरियंस से यात्री जीवित महसूस करते हैं और कई सारी भावनाओं का एक साथ अनुभव करते हैं. इसके अलावा, टाइटैनिक फिल्म जैसी कुछ जगहों या अंटार्कटिका जैसी जगहों पर जाने के लिए लोग सोच सकते हैं. 

इसके अलावा, लोगों को अपने शरीर को उसकी एक लिमिट तक धकेलने और अपने डर का सामना करने में भी रोमांच मिलता है. बेस-जंपिंग, स्काइडाइविंग, बंजी जंपिंग और पोलर प्लंज इसके सामान्य उदाहरण हैं.