scorecardresearch

Tomato को पहले माना जाता था जहर, मुकदमा भी चला था, जानें फिर कैसे टमाटर की हुई हमारे किचन में एंट्री

Story of Tomato: टमाटर पर यह आरोप था कि उसमें जहर है. इसे खाया नहीं जा सकता है. कोर्ट में 28 जून 1820 को इसे बिना जहर वाली सब्जी घोषित किया गया था. उसके बाद से इसकी खेती पूरी दुनिया में जोर-शोर से होने लगी.

टमाटर टमाटर
हाइलाइट्स
  • पश्चिमी देशों में टमाटर को 'पापी' फल भी कहा जाता था

  • टमाटर पर 28 जून 1820 को आया था फैसला

हमारे देश में लगभग हर सब्जी में टमाटर का उपयोग किया जाता है. यह सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है. टमाटर को हम सलाद के तौर पर भी खाते हैं. इसका सूप और जूस भी लोग चाव से पीते हैं. कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि टमाटर हमारे लिए बड़े काम की चीज है लेकिन आपको पता है कि एक बार टमाटर पर मुकदमा भी चला था. टमाटर पर यह आरोप था कि उसमें जहर है. इसे खाया नहीं जा सकता है. लेकिन कोर्ट में 28 जून 1820 को इसे बिना जहर वाली सब्जी घोषित किया गया था. आइए आज जानते हैं टमाटर पर मुकदमा और उसके बेकसूर होने की कहानी. 

जहरीला फल माना जाता था
यूरोप और अमेरिका में लंबे समय तक टमाटर को जहरीला फल माना जाता था. इसमें ज्यादा मात्रा में लैड पाया जाता था, इसलिए इसे जहरीला एपल निक नेम दिया गया था. इसमें कामोत्तेजना बढ़ाने वाला गुण भी थोड़ा सा पाया जाता है. इस वजह से पश्चिमी जगत में इसे 'पापी' फल का खिताब मिल गया था. पश्चिमी दुनिया के लोग 15वीं सदी से लेकर 18वीं सदी तक टमाटर से नफरत करते रहे.

इस कारण से लोग करते थे नफरत
हिस्ट्री चैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य के सेलम में जॉन गेराड नाम के एक सर्जन थे, जो फलों की खेती भी करते थे. बताया जाता है कि उन्होंने जब पहली बार टमाटर की खेती की, तो उसमें टोमैटिन नाम का एक टॉक्सिन पाया गया. टोमैटिन होने की वजह से ही टमाटर को लोग जहरीला मानते थे. हालांकि टोमैटिन की इतनी कम मात्रा टमाटर के अंदर होती है, जिससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. टमाटर से नफरत करने का एक और कारण था, उसका लाल रंग. उन दिनों लाल रंग के फलों को इंसान के खाने के लिए सही नहीं माना जाता था.

किया गया था केस
टमाटर पर जहरीला होने का आरोप लगाकर केस तक कर दिया गया था. साल 1820 में न्यू जर्सी के सेलम के एक कोर्ट में टमाटर पर मुकदमा किया गया और उसे पेश होने के लिए कहा गया था. 28 जून, 1820 को अदालत में टमाटर को बुलाया गया था. वहीं एक इंसान ऐसा भी था जो टमाटर का हिमायती था. उस इंसान का नाम था कर्नल रॉबर्ट गिबन जॉनसन. उन्होंने ही अदालत में टमाटर को बेकसूर साबित किया.

अदालत में खाने लगे टमाटर 
टमाटर की पेशी वाले दिन खचाखच भरी अदालत में जॉनसन अपने हाथों में एक टमाटर से भरी हुई टोकरी लेकर पहुंचे थे. हर कोई टकटकी लगाकर बस उन्हें ही देखे जा रहा था, क्योंकि सब तो टमाटर के पेश होने का इंतजार कर रहे थे. बस फिर क्या था, जॉनसन अदालत में सबके सामने एक-एक करके टमाटर खाने लगे. इस दौरान वहां मौजूद लोगों को लगा कि आज तो जॉनसन नहीं बचने वाला है. वह आत्महत्या करने पर उतारू है.

टमाटर के बताए फायदे
टमाटर खाने के काफी देर बाद भी जॉनसन को कुछ नहीं हुआ. ये सब देखकर सभी लोग हैरान रह गए. जॉनसन ने उन्हें बताया कि टमाटर जहरीला नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे हैं. इसके बाद से लोगों के मन से टमाटर का खौफ निकल गया. पश्चिमी दुनिया में टमाटर की खेती ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया और आज वह हर घर के किचन में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है. 

इसके चलते होता है लाल रंग
टमाटर का लाल रंग लाइकोपीन नामक वर्णक या पिगमेंट के कारण होता है. इसमें खट्टापन ऑक्जेलिक एसिड के कारण होता है. टमाटर का जूस इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है. इसे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.