scorecardresearch

Turkey Earthquake: जाको राखे साइयां, मार सके न कोय.... भूकंप के 12 दिन बाद मलबे के नीचे से जीवित निकला यह दंपति

तुर्की और सीरिया में लोगों की दुनिया को तहस-नहस करने वाले भीषण भूकंप के 12 दिनों के बाद भी, बचाव दल ने मलबे के नीचे से एक कपल को जीवित निकाला है.

Turkey Earthquake Turkey Earthquake

कहते हैं जाको राखे साइयां, मार सके न कोय.... और यह बात तुर्की में सच होती दिखी. तुर्की और सीरिया के कुछ हिस्सों में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के 12 दिनों बाद भी एक दंपति और उनके बेटे को मलबे के नीचे से जिंदा निकाला गया, हालांकि बाद में अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई.

रिपोर्ट्स के मिताबिक, किर्गिस्तान की रेस्क्यू टीम ने 49 वर्षीय समीर मोहम्मद अकार, उनकी पत्नी, रगदा, और उनके 12 वर्षीय बेटे को दक्षिणी तुर्की शहर अंताक्या में इमारत के मलबे से खुदाई के दौरान बचाया. 

कपल के तीन बच्चों की मौत
स्थानीय समयानुसार (8:30 GMT), या 6 फरवरी के भूकंप के 296 घंटे बाद उन्हें लगभग 11:30 बजे निकाला गया और जल्दी से एंबुलेंस में ट्रांसफर कर दिया गया. टीवी फ़ुटेज में दिखाया गया है कि स्ट्रेचर पर लेटे हुए डॉक्टर उसके हाथ में आईवी ड्रिप लगा रहे हैं.

एक किर्गिज़ बचाव दल ने कहा कि टीम को दो मृत बच्चों के शव भी मिले हैं. तुर्की मीडिया ने बाद में बताया कि वे भी समीर मुहम्मद और रगदा के बच्चे थे. अंताक्या की यात्रा के दौरान, तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका ने कहा कि बच्चों के पिता होश में थे और मुस्तफा केमल यूनिवर्सिटी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. 

पीना पड़ा अपना ही यूरीन
मीडिया के मुताबिक, समीर मोहम्मद अकार ने बताया कि कैसे वह अपना यूरीन पीकर मौत से बचे. उन्होंने डॉ ओज को यह भी बताया कि उनके बच्चों ने पहले दो या तीन दिनों तक उनकी आवाज का जवाब दिया लेकिन उसके बाद उन्होंने कुछ भी नहीं सुना.

अंतक्या भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था, जिसमें तुर्की में कम से कम 40,642 लोग और सीरिया में 3,688 लोग मारे गए थे.