
मेटा जैसी बड़ी कंपनी के ऊपर तुर्की की सरकार ने बड़ा जुर्माना लगा दिया है. दरअसल यह जुर्माना तुर्की की सरकार के खिलाफ उठी आवाज़ों को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जाने देने के कारण लगाया गया है. मेटा ने जहां फ्री ओपिनियन का समर्थन किया, वहीं तुर्की की सरकार इसके खिलाफ रही और अंत में मेटा के ऊपर जुर्माना थोप दिया.
क्या है जुर्माना लगाने की वजह?
मेटा ने अपने स्टेटमेंट में बताया कि उसको तुर्की की सरकार की तरफ से कई बार आदेश मिले थे. जिनमें कहा गया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा कंटेंट ना पोस्ट होने दिया जो सरकार के खिलाफ हो.
आखिर क्यों सरकार नहीं चाहती अपने खिलाफ कंटेंट
दरअसल इस्तानबुल के मेयर को अरेस्ट करने के बाद तुर्की में लोगों में आक्रोश काफी बढ़ गया है. मेयर के ऊपर करप्शन और एक आतंकवादी संगठन के साथ तार जुड़े होने के आरोप लगे हैं. इन आरोपों के बाद मेयर को जेल में डाल दिया गया.
असल में 2028 में तुर्की में प्रेजिडेंट के चुनाव होने हैं. और इस दौरान मेयर को वर्तमान के प्रेजिडेंट के खिलाफ एक अच्छा कैंडिडेट माना जा रहा था. लेकिन चुनावों से पहले ही मेयर के घर पर रेड और उन पर आरोपों की एक राजनीति के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया है. इसलिए वहां की जनता में वर्तमान सरकार के प्रेजिडेंट के खिलाफ आक्रोश हैं.
क्या कहना है मेटा का मामले पर
मेटा ने अपनी तरफ से साफ लफ्ज़ों में वहां की सरकार को कहा था कि वह लोगों की राय को नहीं रोक सकता है. यह एक तरह से फ्री स्पीच का उल्लंघन होगा. ऐसा कहने के बाद मेटा को सरकार की तरफ से काफी धमकी भी मिली. बताते चलें कि तुर्की की सरकार ने फिलहाल कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
मेटा के ऊपर तुर्की ने जितना जुर्माना लगाया है. उस जुर्माने की राशि को अभी मेटा ने सामूहिक नहीं किया है. लेकिन यह बात जरूर कही है कि जुर्माने की राशि काफि ज्यादा है.
तुर्की की सरकार ने अपने खिलाफ आवाज़ उठाने वाले करीब 700 लोगों के एक्स अकाउंट, जिसमें पत्रकार, मीडिया, कई संगठन शामिल थे. उन्हें संपूर्ण रूप से ब्लॉक करवा दिया है.