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Turkey Syria Earthquake: मलबे में पैदा हुई बच्ची से लेकर दो लड़कियों के रेस्क्यू ऑपरेशन तक, जानिए तबाही में जिंदगी की कहानी

Earthquake Rescue Operations: तुर्की और सीरिया में भूकंप से बड़ी तबाही हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. सीरिया में मलबे में एक बच्ची पैदा हुई है. 30 घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची को बचाया गया. हालांकि उसकी मां को नहीं बचाया जा सका.

तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है (Photo/Instagram) तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है (Photo/Instagram)

तुर्की और सीरिया में भूकंप ने तबाही मचाई है. अब तक 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत समेत दुनियाभर के देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है. राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. अभी भी हजारों लोग मलबे में दबे हुए हैं. कई लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं, जिसे सुनकर हर किसी का दिल भर जाता है.

मलबे में पैदा हुई बच्ची-
सीरिया के  जिंदेरेस शहर में मलबे एक महिला ने नवजात को जन्म दिया. 30 घंटे बाद बच्ची को बाहर निकाला गया. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 34 साल के खलील अल शमी मलबे को हटा रहे थे, तो उस दौरान उनकी भाभी का पैर और गर्भनाल से जुड़ी एक बच्ची दिखाई दी. इसके बाद फौरन गर्भनाल काटा गया और बच्ची रोने लगी. हालांकि महिला को बचाया नहीं जा सका. लेकिन मासूम बच्ची अभी अस्पताल में भर्ती है और सुरक्षित है.

दो लड़कियों को बचाया गया-
सीरिया के एक शहर में दो बच्चियों को मलबे से निकाला गया. दोनों बच्चियां एक-दूसरे के ऊपर लेटी हुई थीं. रेस्क्यू टीम के कर्मचारी ने जब लड़की से पूछा कि आप खेलना जानती है? तो बच्ची रोने लगी और कहा कि मुझे बाहर निकालो. एक घंटे की कोशिश के बाद दोनों बच्चियों को बचा लिया गया.

मलबे में बच्चे ने बनाया वीडियो-
मलबे में फंसे एक लड़के ने वीडियो बनाया है. जिसमें वो लाल रंग की कमीज पहने हुए है. लड़का कहता है कि मैं नहीं जानता कि मैं जिंदा बचूंगा या नहीं. बच्चा बताता है कि यहां दो से तीन परिवार फंसे हुए हैं. आप उनकी आवाज सुन सकते हैं. भगवान हमारी मदद करें.

ठंड ने बढ़ाई मुसीबत-
ठंड की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. बर्फबारी की वजह से बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा पीड़ितों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग मस्जिदों या स्कूलों में शरण ले रहे हैं. लोग अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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