रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) ने अपने नोबेल पुरस्कार की बहुत ही नेक काम के लिए नीलामी कर दी. मुरातोव को 2021 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. उन्होंने स्वतंत्र रूसी अखबार नोवाया गजट की स्थापना की और मार्च में अखबार बंद होने के समय वो इसके मुख्य संपादक थे. उन्होंने यूक्रेन में युद्ध से विस्थापित बच्चों की सहायता के लिए अपने नोबेल पदक को रिकॉर्ड 103.5 मिलियन डॉलर में नीलाम कर दिया.
नीलामी में मिली 5,00,000 डॉलर की नकद राशि से शरणार्थी बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद मिलेगी. मुरातोव ने एक इंटरव्यू के दौरान यूक्रेन युद्ध में अनाथ हुए बच्चों के प्रति चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वो उन्हें उनका भविष्य वापस लौटाना चाहते हैं.
आलोचना के बाद बंद हुआ अखबार
मुराटोव के नोवाया गजेटा अखबार ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनकी सरकार की जमकर आलोचना की थी. यूक्रेन में युद्ध की कवरेज करने के लिए मार्च में चेतावनी देने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. 1999 से ही उदार रूसी मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ पुतिन की सरकार में लगातार दबाव बना हुआ है. लेकिन मॉस्को द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन में सेना भेजे जाने के बाद यह और बढ़ गया. अप्रैल में मुराटोव पर लाल पेंट से हमला किया गया था.
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुराटोव के पुरस्कार की नीलामी ने नीलाम किए गए किसी भी नोबेल पदक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. रिपोर्टों के अनुसार पिछली सबसे ज्यादा बोली $ 5 मिलियन पर लगी थी.
चार महीने से ज्यादा समय से जारी है युद्ध
मुरातोव को पिछले साल फिलीपीन की पत्रकार मारिया रेसा के साथ संयुक्त रूप से शांति नोबोल पुरस्कार से नवाजा गया था. उन्हें अपने-अपने देशों में स्वतंत्र अभिव्यक्ति बनाए रखने के लिए किए गए संघर्षों के लिए सम्मानित किया गया था. मुरातोव ने अपना नोबेल उन छह नोवाया गजेटा पत्रकारों को समर्पित किया जिनकी साल 2000 के बाद से हत्या कर दी गई थी. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच चार महीने से ज्यादा समय से युद्ध जारी है. इस युद्ध की वजह से दोनों पक्षों की सेनाओं के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. कई जगह लोग उनका विद्रोह भी कर रहे हैं.