मानव जाति के लालच और लापरवाही के कारण दुनिया से कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं और कुछ भविष्य में होने वाली हैं. इन विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजातियों में एक शर्मीली पोरपोइज़ वैकीटा भी शामिल है. वैकीटा एक छोटा सा पोरपोइज़ है जो मुख्य रूप से कैलिफोर्निया की ऊपरी खाड़ी में कोर्टेज़ सागर में पाया जाता है. जब वैज्ञानिकों ने मेक्सिको में इसकी संख्या गिनने के लिए एक अभियान की योजना बनाई थी, तब उन्हें डर था कि कहीं ये लुप्त न हो चुकी हों . 2019 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार पूरी दुनिया में सिर्फ 10 वैकीटा ही बचीं थी.
विशेषज्ञों के अनुसार गिलनेट फिशिंग है एकमात्र कारण
मेक्सिको के मछुआरों की अवैध फिशिंग इस लुप्तप्राय मैमल के लिए खतरा बनी हुई है. मेक्सिको के मछुआरे फिशिंग के लिए एक खास तरह के नेट का इस्तेमाल करते हैं. ये नेट्स 20 फीट तक गहरी होती हैं. इन नेट्स को गिल नेट कहा जाता है. इन नेट्स की मदद से वे झींगा और मछली को फंसाते हैं. अक्सर इन नेट्स में वैकीटा भी फंस जाते हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रजाति के पतन का एकमात्र ज्ञात कारण ये जाल ही हैं, लेकिन इन जालों से छुटकारा पाना एक चुनौती बन गया है. यहां तक कि मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों की एक टीम जब इस साल की गिनती के लिए सैन फेलिप पहुंची, उस समय भी मछुआरे अवैध फिशिंग कर रहे थे.
गिलनेट फिशिंग रोकने के लिए आर्थिक मदद दे रही थी सरकार
मेक्सिको की सरकार ने वैकीटा के संरक्षण के लिए 2017 में गिलनेट फिशिंग को पूरी तरह से बैन कर दिया था. लेकिन इस कानून को लागू करने में सरकार को काफी दिक्कतें आ रही थी. 2015 में प्रशासन ने मछुआरों को वैकीटा की संख्या में वृद्धि होने तक फिशिंग रोकने के लिए आर्थिक मदद भी देना शुरू किया था. लेकिन इसका कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ने पर उन्होंने 2018 में इसे रोक दिया था. मेक्सिको की सरकार 2015 से अब तक, सी शेफर्ड्स की मदद से इन मछलियों के हैबिटैट से 1200 अवैध गिल नेट्स हटा चुकी है.
रिकवरी है संभव
नवंबर की शुरुआत में हुए वैकीटा सर्वेक्षण के शुरुआती नतीजे बताते हैं कि ये जानवर अभी भी मौजूद हैं, लेकिन बहुत जल्द विलुप्त हो सकते हैं. समुद्री स्तनपायी विशेषज्ञों का कहना है कि इनकी रिकवरी संभव है, लेकिन केवल तभी जब उनका आवास गिल नेट्स से मुक्त हो. इसके बजाय, इस क्षेत्र में खुले आम अवैध रूप से मछली पकड़ना जारी है.