अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के लिए खुशखबरी है. अब उनके बच्चे और पार्टनर्स भी यूएस में नौकरी कर सकेंगे. इसके लिए बाइडेन सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक के बीच लंबी बातचीत के बाद नेशनल सिक्योरिटी एग्रीमेंट नाम के प्रस्ताव को पेश किया गया. इस प्रस्ताव के तहत एच-1बी वीजा धारकों के पार्टनर्स को अमेरिका में रोजगार का अधिकार और उनके व्यस्क बच्चों के अधिकारों को संरक्षित रखने का प्रावधान है. इस प्रस्ताव से करीब 1 लाख एच-4 वीजा धारकों को काम करने की अनुमति मिलेगी. एच-1बी वीजा धारकों के पार्टनर्स और बच्चों को एच-4 वीजा जारी किया जाता है.
एक तय सीमा में जारी किया जाता है ग्रीन कार्ड
यूएस में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. इनमें सबसे ज्यादा आईटी विशेषज्ञ हैं, जो काफी समय से ग्रीन कार्ड मिलने का भी इंतजार कर रहे हैं. अब ग्रीन कार्ड मिलने का रास्ता भी खुलेगा. ग्रीन कार्ड नहीं मिलने की वजह से एच-1बी वीजा धारकों के पार्टनर्स अमेरिका में काम नहीं कर पा रहे हैं. ग्रीन कार्ड को यूएस में आधिकारिक तौर पर स्थायी निवास कार्ड के तौर पर जाना जाता है. यह अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है, जिसके तहत वीजाधारक को स्थायी रूप से रहने का अधिकार दिया जाता है. ग्रीन कार्ड जारी करने के लिए प्रति देश के हिसाब से एक तय सीमा होती है.
भारतीयों को ऐसे होगा फायदा
नेशनल सिक्योरिटी एग्रीमेंट 118.28 अरब डॉलर का एक पैकेज है. इस बिल में एच-1बी वीजाधारकों के व्यस्क बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने, इस श्रेणी के वीजाधारकों के पार्टनर्स को रोजगार का अधिकार देने और ग्रीन कार्ड कोटा को बढ़ाने की मांग की गई है. इस बिल के तहत अगले पांच सालों तक हर साल 18000 लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड मिलेगा. कानूनी तौर पर यूएस आकर काम करने वाले माता-पिता के बच्चों को 21 वर्ष से अधिक उम्र का होने पर 'ऐज्ड आउट' माना जाता है. नए प्रावधानों में यह बच्चे अगर 21 साल के होने से पहले 8 साल से अमेरिका में हैं, यानी एच-4 वीजा धारक बने हुए हैं, तो उन्हें अस्थायी तौर पर अमेरिका में रहने व काम करने की अनुमति मिल जाएगी.
काम के लिए इतने दिनों का इंतजार नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि नई व्यवस्था में अमेरिका पहुंचे शरणार्थियों को स्क्रीनिंग के बाद काम की अनुमति देने की प्रक्रिया तेज की जाएगी. उनके लिए कानूनन 180 दिन का वेटिंग पीरियड निर्धारित है. नई व्यवस्था में वे काफी पहले से काम करने योग्य माने जाएंगे. उन्होंने कहा कि दशकों से आप्रवासियों के लिए व्यवस्था बिगड़ी हुई थी. इसे सुधारने का समय आ गया है. अब अमेरिका को ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा, सीमा भी सुरक्षित बनेगी और लोगों से उचित व मानवीय व्यवहार होगा.
पहली बार आप्रवासी वीजा की सीमा बढ़ाई
व्हाइट हाउस के अनुसार 30 साल में पहली बार आप्रवासी वीजा की सीमा बढ़ाई गई है. हर साल 50 हजार वीजा दिए जाएंगे, इससे अगले पांच साल में 2.50 लाख वीजा जारी होंगे. इनमें 1.60 लाख वीजा परिवार आधारित और 90 हजार रोजगार आधारित होंगे.
क्या है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है. यह उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो अमेरिका में काम करने के लिए जाते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी है. इसके बाद उसे ग्रीन कार्ड दिया जाता है. इस वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है. अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स इस वीजा को सबसे अधिक हासिल करते हैं. जिन लोगों का एच-1बी वीजा की अवधि खत्म हो जाती है तो वह फिर अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एच-1बी वीजाधारक शख्स अपने बच्चों और पत्नी के साथ अमेरिका में रह सकता है.