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US Birth Right Citizenship: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump बदलने वाले हैं 150 साल पुराना यूएस की नागरिकता मिलने वाला यह नियम... लाखों भारतीयों पर पड़ेगा असर... जानिए कैसे 

 Donald Trump And US Birth Right Citizenship: डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद बर्थ राइट सिटीजनशिप समाप्त करने का वादा किया है. आइए जानते हैं इससे कितने भारतीयों पर असर पड़ेगा और ट्रंप को इस कानून को समाप्त करने के लिए क्या-क्या करना होगा? 

Donald Trump (File Photo: PTI) Donald Trump (File Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • यूएस में जन्म लेने वाले ऑटोमैटिक बन जाते हैं अमेरिकी नागरिक 

  • संविधान के 14वें संशोधन के जरिए बना था जन्म से नागरिकता मिलने का कानून 

US Citizenship Case: अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं, जिससे हजारों नहीं बल्कि लाखों भारतीयों पर असर पड़ेगा.

दरअसल, वह बर्थ राइट सिटीजनशिप (Birth Right Citizenship) को समाप्त करने जा रहे हैं. बर्थ राइट सिटीजनशिप के तहत यूएस में पैदा हुआ कोई भी बच्चा अमेरिकी नागरिक बन जाता है. यह कानून अमेरिका में 150 सालों से लागू है. ट्रंप का कहना है कि वह 20 जनवरी 2025 को जब व्हाइट हाउस पहुंचेंगे तो आते ही इस कानून को खत्म करने की तैयारी में जुट जाएंगे.

क्या है अमेरिका में जन्म से नागरिकता का नियम
संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म से मिलने वाली नागरिकता का कानून है, जिसे भूमि का अधिकार भी कहा जाता है. बर्थ राइट सिटीजनशिप का मतलब है कि अमेरिका में पैदा हुआ कोई भी बच्चा ऑटोमैटिक अमेरिकी नागरिक होगा. चाहे उसके माता-पिता की इमीग्रेशन स्थिति कुछ भी हो या वे किसी भी देश के हों. यह कानून 1868 में पारित 14वें संशोधन के तहत बनाया गया था.

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इसमें कहा गया है, 'संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से नागरिक बने सभी व्यक्ति और इसके अधिकार क्षेत्र के अधीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और उस राज्य के नागरिक हैं, जिसमें वे निवास करते हैं'. यह कानून अमेरिका में पर्यटक बनकर आए या छात्र वीजा पर गए सहित किसी के भी घर यूएस में पैदा हुए बच्चों पर लागू होता है. 

बर्थ राइट सिटीजनशिप को लेकर क्या बोले ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों का कहना है कि बर्थ राइट सिटीजनशिप का दुरुपयोग किया जा रहा है. यूएस की नागरिकता लेने के लिए कड़े नियम होने चाहिए. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद बर्थ राइट सिटीजनशिपको रोकने की योजना बनाई है. हम इसे खत्म करने जा रहे हैं क्योंकि यह हास्यास्पद है. ट्रंप और बर्थ राइट सिटीजनशिप के विरोधियों का कहना है कि यह लोगों को अवैध रूप से अमेरिका आने या बर्थ टूरिज्म (बच्चों के जन्म के लिए पर्यटन) को बढ़ावा देता है. 

दूसरे देशों की कई गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म देने के लिए अमेरिका आती हैं ताकि उनके बच्चों को अमेरिका की नागरिकता मिल जाए. ट्रंप और उनके सलाहकारों का कहना है कि अब ऐसा कानून बनाना होगा कि कोई अमेरिका में आकर बच्चे को जन्म दे तो इतने भर से ही नागरिकता न मिल जाए. रिपब्लिकन नेता ने दावा किया कि अमेरिका इकलौता देश है, जहां पर यह नियम है. हालांकि, ऐसा नहीं है. दुनिया के 34 अन्य देशों में भी उनके देश में किसी बच्चे के जन्म लेने पर नागरिका देने का नियम है.

बर्थ राइट सिटीजनशिप के पक्ष वालों का क्या है तर्क  
बर्थ राइट सिटीजनशिप के पक्ष वालों का तर्क है कि बर्थ राइट सिटीजनशिप समाप्त करने से देश को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. आव्रजन समर्थक काटो इंस्टीट्यूट में आर्थिक और सामाजिक नीति अध्ययन के उपाध्यक्ष एलेक्स नाउरास्तेह का मानना है कि बर्थ राइट सिटीजनशिप के कारण अप्रवासियों और उनके बच्चों को बेहतर मौके मिलते हैं. लाखों लोगों को निर्वासित करने से कृषि, निर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों में श्रम की कमी हो सकती है.

इतना आसान नहीं है नियम को बदलना 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बर्थ राइट सिटीजनशिप को बदलना इतना आसान नहीं होगा. यूएस में संविधान को बदलने के नियम काफी सख्त हैं. राष्ट्रपति अकेले संविधान में संशोधन नहीं कर सकते हैं. इसके रास्ते में राज्य की विधायिकाओं से लेकर संसद के दोनों सदनों की चुनौतियां आ सकती हैं.

कानून के जानकार तर्क देते हैं कि 14वें संशोधन के प्रावधानों को संवैधानिक संशोधन के बिना बदला नहीं जा सकता. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कांग्रेस के भारी समर्थन और राज्य की पुष्टि की जरूरत होती है. अदालतों ने ऐतिहासिक रूप से जन्म से मिलने वाली नागरिकता को बरकरार रखा है. जिससे न्यायिक पुनर्विचार के बिना महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना कम है.

नियम बदलने से भारतीयों पर पड़ेगा असर 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वे परिवारों को नहीं तोड़ना चाहते, इसलिए एक ही तरीका है कि पूरा परिवार साथ रहे और अमेरिका से चला ही जाए. इसका अर्थ हुआ कि जिन लोगों को जन्म के आधार पर यूएस की नागरिकता मिली है, उन्हें भी इस देश से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. यदि ऐसा कानून आया तो फिर भारतीयों पर बड़ा असर पड़ेगा.

प्यू रिसर्च के 2022 की अमेरिकी जनगणना के मुताबिक यूएस में 48 लाख भारतीय मूल के लोग बसे हैं. इनमें से 34 फीसदी या 16 लाख लोगों को जन्म के आधार पर ही अमेरिका की नागरिकता मिली है. यदि ट्रंप बर्थ राइट सिटीजनशिप को खत्म कर देते हैं तो 16 लाख भारतीयों पर असर पड़ेगा. जन्म के प्रमाण पत्र को लोग नागरिकता के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.