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हरियाणा के इस गांव का है अमेरिका के पूर्व-राष्ट्रपति जिमी कार्टर से खास कनेक्शन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, जिमी कार्टर का निधन 29 दिसंबर को 100 साल की उम्र में हो गया. वो अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति भी थे. कार्टर का हरियाणा के एक गांव से खास कनेक्शन था.

U.S. President visited this village in January, 1978 U.S. President visited this village in January, 1978

हरियाणा के एक गांव, जिसे पहले 'दौलतपुर नसीराबाद' के नाम से जाना जाता था, का नाम बदलकर 'कार्टरपुरी' रखा गया है. इसका कारण है अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर की 1978 में भारत यात्रा. वो भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे. जिमी कार्टर का निधन 29 दिसंबर को 100 साल की उम्र में हो गया. वो अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति भी थे.

जिमी कार्टर और हरियाणा के गांव से जुड़ाव
कार्टर सेंटर के मुताबिक जिमी कार्टर अपनी पत्नी रोसलिन कार्टर के साथ 1978 में 'दौलतपुर नसीराबाद' गांव आए थे. यह गांव दिल्ली से साउथ वेस्ट दिशा में एक घंटे की दूरी पर है.  जिमी कार्टर का इस गांव से व्यक्तिगत जुड़ाव था क्योंकि उनकी मां लिलियन कार्टर ने 1960 के दशक के अंत में इस गांव में पीस कॉर्प्स के साथ स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में काम किया था. 

कार्टर सेंटर के मुताबिक ये यात्रा इतनी सफल रही कि इसके तुरंत बाद गांव में रहने वाले लोगों ने इस क्षेत्र का नाम बदलकर 'कार्टरपुरी' कर दिया. कार्टर जब तक राष्ट्रपति थे तब तक गांव के लोग व्हाइट हाउस के संपर्क में भी थे. जब जिमी कार्टर ने 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता, तो गांव में उस जीत का उत्सव मनाया गया और 3 जनवरी को 'कार्टरपुरी दिवस' घोषित कर दिया गया.

भारत-अमेरिका रिलेशन में कार्टर का योगदान
कार्टर प्रशासन के समय से ही भारत और अमेरिका के बीच एनर्जी, मानवीय सहायता (humanitarian aid), टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष अन्वेषण(space probe), समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत और आतंकवाद को खत्म करने जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग हुआ. 2000 के दशक के बीच में दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक समझौता किया, जो नागरिक परमाणु सहयोग (civil nuclear cooperation) को बढ़ावा देता है. इससे दोनों देशों के बीच बिजनेस में भारी बढ़ोतरी हुई.

1978 में भारतीय संसद को संबोधन
इमरजेंसी खत्म होने और जनता पार्टी के सत्ता में आने के एक साल बाद, जिमी कार्टर भारत आए. उन्होंने भारतीय संसद को संबोधित करते हुए लोकतंत्र के महत्व पर जोर दिया और तानाशाही के खिलाफ भी बात की. उनके मुताबिक इस सदी के आने वाले सालों में,  दुनिया के लोकतांत्रिक देश अपने सबसे महत्वपूर्ण और सामान्य चुनौतियों का जवाब खोजने के लिए एक-दूसरे की ओर देखेंगे की, कैसे हमारे पॉलिटिकल  और स्पिरिचुअल वैल्यू सोशल और इकोनॉमिक तनाव का सामना करने का आधार बन सकते हैं.

जिमी कार्टर का निधन
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जिमी कार्टर का निधन प्लेन्स, जॉर्जिया में हुआ. वह फरवरी 2023 से होस्पिस केयर में थे.  कार्टर सेंटर के मुताबिक कार्टर का उनके परिवार के बीच शांति से निधन हुआ. उनके बेटे चिप कार्टर के लिए उनके पिता उनके साथ-साथ उन सभी के लिए हीरो थे जो शांति, मानवाधिकार और निस्वार्थ प्यार को महत्व देते हैं. बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त जताते हुए 9 जनवरी को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दिया.