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Venezuela Last Glacier: देखते ही देखते आखिर कैसे पिघल गए वेनेजुएला के 6 ग्लेशियर? जानें वजह 

हम्बोल्ट ग्लेशियर अनुमान से कहीं अधिक तेजी से पिघल गया है. हाल के आकलन से पता चला है कि इसका आकार सिकुड़ कर दो हेक्टेयर से भी कम रह गया है. यह दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने क्लाइमेट चेंज की वजह से अपने सभी ग्लेशियर खो दिए हैं. 

Melted Glacier (Representative Image/Unsplash) Melted Glacier (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • अनुमान से कहीं अधिक तेजी से पिघल गया

  • एक भी ग्लेशियर नहीं बचा

ज्यादा गर्मी, भारी बारिश, पानी की कमी, आग, बाढ़ जैसी चीजों से साफ है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दुनियाभर में पड़ रहा है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दुनियाभर के ग्लेशियरों पर पड़ रहा है. एक समय में वेनेजुएला  में जहां 6 ग्लेशियर हुआ करते थे, देखते ही देखते सभी पिघल गए. आज की तारीख में वेनेजुएला में एक भी ग्लेशियर नहीं बचा है. यह दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने क्लाइमेट चेंज की वजह से अपने सभी ग्लेशियर खो दिए हैं. 

एक भी ग्लेशियर नहीं बचा 

एंडीज यूनिवर्सिटी (ULA) के प्रोफेसर जूलियो सीजर सेंटेनो के मुताबिक, "वेनेजुएला में अब कोई ग्लेशियर नहीं हैं." उन्होंने बताया कि जो बचा है वह बर्फ का एक छोटा सा टुकड़ा है, जो अपने मूल आकार का केवल 0.4 प्रतिशत है.

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वेनेजुएला में पिछले कुछ साल में ग्लेशियरों की संख्या में तेजी से गिरावट देखी गई है. साल 2011 तक, इनमें से पांच ग्लेशियर गायब हो गए थे, केवल हम्बोल्ट ग्लेशियर बचा था, जिसे ला कोरोना के नाम से भी जाना जाता है. देश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी, पिको हम्बोल्ट के पास स्थित, हम्बोल्ट ग्लेशियर के कम से कम एक और दशक तक बने रहने की उम्मीद थी. हालांकि, ऐसा नहीं हो सका. ये पूरी तरह पिघल चुका है. 

अनुमान से कहीं अधिक तेजी से पिघल गया
 
हम्बोल्ट ग्लेशियर अनुमान से कहीं अधिक तेजी से पिघल गया है. हाल के आकलन से पता चला है कि इसका आकार सिकुड़ कर दो हेक्टेयर से भी कम रह गया है. जिससे अब इसे ग्लेशियर नहीं कहा जा रहा है. यह नुकसान  जलवायु परिवर्तन की गंभीरता और कमजोर इकोसिस्टम की वजह से हुआ है. 

ग्लेशियर को बचाने का प्रयास 

स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए, वेनेजुएला सरकार ने हम्बोल्ट ग्लेशियर को और ज्यादा पिघलने से बचाने का आखिरी प्रयास किया. इसके लिए एक थर्मल कंबल तैनात किया गया है. हालांकि, विशेषज्ञ इस उपाय की प्रभावशीलता के बारे में संशय में हैं, उनका सुझाव है कि ग्लेशियर की गिरावट को रोका नहीं जा सकता है. इन प्रयासों के बावजूद, हम्बोल्ट ग्लेशियर पिघलता जा रहा है. 

दुनियाभर में हो रहा है ऐसा 

वेनेजुएला कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि दुनिया भर में ग्लेशियर ऐसे ही स्थिति से गुजर रहे हैं. अल नीनो जैसी जलवायु घटनाएं बढ़ते तापमान को बढ़ाती हैं, इससे दुनिया भर में ग्लेशियरों के पिघलने की गति तेज हो जाती है. एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि स्लोवेनिया, मैक्सिको और इंडोनेशिया जैसे देशों को निकट भविष्य में अपने ग्लेशियर खोने का खतरा है. ऐसे में इन्हें बचाने के लिए प्रयास करने जरूरी हैं.