चीन ने वांटेड टेररिस्ट साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट के रूप में ब्लैक लिस्ट में डालने से मना कर दिया है. साजिद मीर पर 26/11 मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप है. भारत और अमेरिका ने उसे एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव जारी किया था. जिस प्रस्ताव पर अब चीन ने रोक लगा दी है. बता दें, साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ आतंकवादी है.
कौन है साजिद मीर?
साजिद मीर भारत के सबसे वांटेड टेररिस्ट में से एक है. 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका ने उसके सिर पर 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. पिछले साल जून में, मीर को पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर-फाइनेंसिंग मामले में 15 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई थी.
हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुछ समय पहले दावा किया था कि मीर की मृत्यु हो गई थी, लेकिन पश्चिमी देशों ने उनपर भरोसा ना करते हुए उसकी मृत्यु का प्रमाण मांगा था. यही कारण था कि पिछले साल के आखिर में FATF के असिस्मेंट में पाकिस्तान की प्रगति में ये एक प्रमुख बाधा बन गया था.
भारत ने किया इसका विरोध
भारत ने चीन के इस कदम पर कड़ी निंदा जताई है. कड़े शब्दों में जवाब देते हुए भारत ने कहा है कि उसके पास विश्वास करने के उचित कारण हैं कि ग्लोबल काउंटर टेररिज्म आर्किटेक्चर में वास्तव में कुछ गलत है. भारतीय राजनयिक (Indian Diplomat) ने संयुक्त राष्ट्र की काउंटर- टेरर मीटिंग में भी इस मुद्दे को संबोधित किया है. डिप्लोमैट प्रकाश गुप्ता ने कहा, "अगर हम ऐसे आंतकवादी को पकड़ने में सक्ष्म नहीं हैं जिसे वैश्विक परिदृश्य में बैन किया गया है, तो वास्तव में हमारे पास इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने की वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है."
भारत और अमेरिका दोनों का था प्रस्ताव
गौरतलब है कि ये प्रस्ताव ने अमेरिका ने पेश किया था जिसमें भारत ने अपनी सहमति दी थी. इस प्रस्ताव में वांटेड टेररिस्ट साजिद मीर को ब्लैक लिस्ट में डालने और उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी. लेकिन, बीजिंग ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी है.
ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के दौरान उठाया गया है. संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करने के लिए उनके न्यूयॉर्क पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगाई.
ऐसा पहले भी कर चुका है चीन
दरअसल, यह पांचवीं बार था जब चीन ने हाल के महीनों में भारत-अमेरिका प्रस्ताव पर रोक लगाई है. बीजिंग ने अक्टूबर में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शाहिद महमूद, जून में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के नेता अब्दुल रहमान मक्की, अगस्त में अब्दुल रऊफ अजहर समेत अन्य पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्तावों पर रोक लगा दी थी.