तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साइप्रस का मुद्दा उठा दिया. तुर्की हमेशा से इस मुद्दे पर जवाब देने से बचता रहा है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने महासभा की बैठक के बाद ट्वीट करते हुए लिखा- यूक्रेन संघर्ष, खाद्य सुरक्षा, जी-20 प्रक्रियाओं, वैश्विक व्यवस्था, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और साइप्रस को लेकर बातचीत हुई. हमने साइप्रस मुद्दे पर समाधान को लेकर जानकारी ली.
महत्वपूर्ण भूमध्यसागरीय द्वीप है साइप्रस
साइप्रस एक भूमध्यसागरीय द्वीप है जो तुर्की के दक्षिण में, सीरिया के पश्चिम और इसराइल के उत्तर पश्चिम में स्थित है. साइप्रस पर जिसका नियंत्रण रहेगा वह भूमध्य सागर के पूर्वी भाग को कंट्रोल कर सकता है. यही कारण है कि हर कोई इस द्वीप पर नियंत्रण स्थापित करता चाहता है. भू राजनीति लिहाज से साइप्रस को चार भागों में बांटा जाता है. उत्तर के साइप्रस पर तुर्की अपना दावा करता है. साइप्रस मुख्य रूप से दक्षिण वाला भाग है. साइप्रस का दक्षिण भाग यूरोपीय यूनियन का सदस्य है. साइप्रस की राजधानी इसे दो भागों में बांटने वाली रेखा पर स्थित है. साइप्रस की राजभाषा ग्रीक और तुर्की है. यह भूमध्य सागर का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है.
साइप्रस का इतिहास
333 ईसा पूर्व तक यूनानी शासक सिकंदर का इसपर कब्जा रहा. इसके बाद ये क्षेत्र रोमन साम्राज्य के अधीन आ गया. 1571 में ऑटोमन साम्राज्य ने इसपर कब्जा किया. इसके बाद ब्रिटेन और ऑटोमन साम्राज्य के बीच एक समझौता हुआ, जिसके अनुसार इस क्षेत्र पर नियंत्रण तो ऑटोमन साम्राज्य के पास था लेकिन ब्रिटेन की सेना यहां रह सकती थी. इसी तरह यहां समय-समय पर इस क्षेत्र अलग-अलग शासकों के नियंत्रण में रहा.
साइप्रस को लेकर क्या है विवाद
साइप्रस में तुर्की और ग्रीक समुदाय के लोग रहते हैं, जिनके बीच एक लंबे समय से नस्ली विवाद जारी है. इस जगह को नो मैन्स लैंड भी कहा जाता है क्योंकि यहां कोई नहीं रहता. साल 1974 में तुर्की की सेना ने इस द्वीप पर आक्रमण किया और साइप्रस के मशहूर शहर वरोशा को अपने नियंत्रण में ले लिया. बहुमंजिला इमारतों वाला ये शहर जो कभी पर्यटकों से भरा रहता था, लेकिन आज यह वीरान पड़ा है. यह इलाका आज भी तुर्की के नियंत्रण में है. तुर्की ने अपनी सेना में से 35 हज़ार सैनिकों को इस क्षेत्र में तैनात करके रखा हुआ है. उत्तर और दक्षिण साइप्रस का तनाव कई बार हिंसक रूप ले चुका है.
इस घटना के बाद से ये द्वीप दो हिस्सों में बंटा गया. तुर्क साइप्रस वासियों ने अपने इलाके को एक स्वघोषित राष्ट्र का दर्जा दिया है जिसे सिर्फ तुर्की स्वीकार करता है. दोनों स्वायत्त प्रदेशों को एक केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है लेकिन संपत्ति के बंटवारे को लेकर राय नहीं बन पा रही है. भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता रहा है.