बलूचिस्तान के नोशाकी और पंजगुर में 2 फरवरी को पाकिस्तान के फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के दो शिविरों पर विद्रोही समूहों ने हमला किया था. इस जगह पर बलूच विद्रोही समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा किया, जबकि पाकिस्तान सरकार और सेना ने एक बार फिर से अपने इस नुकसान को छुपाते हुए सब कुछ ठीक-ठाक बताया है.
बीएलए ने हाल ही में एक वीडियो फिल्म जारी की जिसमें बताया गया है कि कैसे उसने दो अच्छी तरह से संरक्षित एफसी शिविरों पर समन्वित हमले किए, जिसका कोडनेम ऑपरेशन गंजल था. अब आप अंतरिक्ष फर्म प्लैनेट लैब्स पीबीसी द्वारा जारी की गई सेटेलाइट इमेजरी से ये साफ होता है कि बीएलए ने जो दावे किए हैं वो कहीं ना कहीं सच है. हालांकि सीमित ओपन-सोर्स डेटा के माध्यम से कारणों का सटीक पता नहीं लगाया जा सकता है.
लिबरेशन आर्मी का दावा- 195 हताहत
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का दावा है कि उसने फ्रंटियर कॉर्प्स के शिविरों को काफी नुकसान पहुंचाया है, इसके अलावा कई सारी फ्रंटियर कॉर्प्स की सुविधाओं पर कब्जा भी कर लिया है. इसके साथ ही लिबरेशन आर्मी का दावा ये भी है कि उसने इस हमले में 195 लोगों को हताहत किया है. हालांकि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान के मंत्रालयों ने इन दावों का खंडन किया है.
पाक सेना और मंत्रालयों का अलग है राग
सेना के मीडिया विंग ने दावा किया कि हमलों को 'निष्फल' कर दिया गया था. सेना के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के एक बयान में कहा गया था कि, "गोलीबारी के दौरान एक सैनिक शहीद हो गया, आतंकवादी भाग गए, आतंकियों के हताहतों होने का पता लगाया जा रहा है." यहां तक की हमलों के 24 घंटे के अंदर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि हमलावरों को दोनों स्थानों से खदेड़ दिया गया था.
We salute our brave security forces who repulsed terrorist attacks against security forces' camps in Panjgur & Naushki, Balochistan. The nation stands united behind our security forces who continue to give great sacrifices to protect us.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) February 3, 2022
जब बैन किए गए रिपोर्टर और इंटरनेट
इसके कुछ दिनों सेना ने अपना बयान दोहराया, लेकिन मौतों का आंकड़ा साफ किया. सेना का कहना था कि, "सैनिकों की त्वरित प्रतिक्रिया से सफलतापूर्वक खदेड़ दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप 20 विद्रोहियों की मौत हो गई और 9 सुरक्षा कर्मियों की हानि हुई." लेकिन रिपोर्टरों को कई दिनों तक उस जगह से रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी गई और अधिकारियों की मदद से क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया.
तो चलिए अब आपको तस्वीरों के जरिए बताते हैं कि बीएलए ने जो दावे किए हैं, वो कितने सच हैं.
बलूचिस्तान के पंजगुर में फ्रंटियर कॉर्प्स कैंप की तस्वीर
10 फरवरी को एकत्र की गई पंजगुर की एक सैटेलाइट तस्वीर में बीएलए के दावों के अनुरूप कई नुकसान दिखाई देते हैं. बीएलए ने अपने वीडियो में दावा किया है कि पंजगुर एफसी कैंप पर हमला जमाल बलूच नाम के एक सदस्य ने किया था. पंजगुर एफसी कैंप के दक्षिण प्रवेश द्वार पर एक व्हीकल बोर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस की मदद से एक सुसाइड अटैक किया गया था, जिसमें लगभग 20 एफसी कर्मियों की मौत हो गई थी. घटना के 8 दिन बाद ली गई सैटेलाइट तस्वीर से पता चलता है कि दक्षिण द्वार पर गेट और पेड़ साफ हो गए हैं.
बलूचिस्तान के पंजगुर में एफसी कैंप के पश्चिमी प्रवेश द्वार के पास हुई क्षति
हाल ही में जारी मल्टीमीडिया में बीएलए ने दावा किया था कि एफसी कैंप, पंजगुर के केंद्र पर रात 11 बजे एक भयंकर लड़ाई हुई थी, जहां इसके 'मजीद ब्रिगेड' के आत्मघाती हमलावर कथित तौर पर एक इमारत परिसर के पास बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भिड़ गए थे. बीएलए के अनुसार, कई पाकिस्तानी कर्मियों को मारने से पहले उनके दो आत्मघाती गुर्गों को मार दिया गया था और शेष गुर्गों ने अगले कुछ दिनों के लिए पास के परिसर में शरण ली थी. हाल की उपग्रह इमेजरी की जांच से इस बात की पुष्टि होती है कि जिस परिसर का जिक्र बीएलए ने किया था, उसके दृश्य में परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं.
नोशाकी में भी हुआ हमला
बीएलए ने जो वीडियो जारी किया है उसमें 9 अलगाववादियों को एम 16 राइफल, एम 32 ग्रेनेड लांचर और आरपीजी-7 रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड से लैस दिखाया गया है. ये सभी दक्षिण प्रवेश द्वार से अंदर घुसे थे. हमले से पहले कथित रूप से फिल्माए गए एक वीडियो में, मीरैन नाम के हमलावरों में से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "हमारी माताओं और बहनों का सम्मान सुरक्षित नहीं है और हमारे माता-पिता को उनके छोटे बच्चों के शव पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे जा रहे हैं, बलूच युवा जीवित हैं. उनके जीवन में निरंतर भय बना रहता है, यहाँ तक कि हमारे बच्चों को भी आतंकवाद निरोधी विभाग द्वारा न्यायेतर तरीकों से मार डाला जा रहा है." हालांकि सेटेलाइट इमेजरी में भी दक्षिण प्रवेश द्वार और आस-पास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण क्षति दिखाई दे रही है.
बलूचिस्तान के नोशकी में एफसी कैंप के दक्षिण प्रवेश द्वार पर बदलाव
प्रवेश द्वार पर रिपोर्ट किए गए विस्फोट में कथित तौर पर सी-4 विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. जहां प्रवेश द्वार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहा है, प्रभाव में अस्थायी सड़क ब्लॉक हैं, वहीं नई इमेजरी में पास की एक इमारत संरचना भी गायब दिखाई दे रही है. पंजगुर पर हुए हमलों के विपरीत, बीएलए ने दावा किया कि इस स्थान पर ऑपरेशन केवल 16 घंटे तक चला. बीएलए ने बड़े पैमाने पर मेस, स्टाफ क्वार्टर और हेलीपैड के पास सहित कई जगहों पर गोलीबारी का दावा किया है. प्रवेश के बाद शिविर के अंदर संगठन ने किसी बड़े बम विस्फोट का दावा नहीं किया है. इन दावों के अनुरूप, दक्षिण द्वार पर और उसके आस-पास की जगहों पर क्षति देखी जा सकती है.
नोशकी में एफसी कैंप के दक्षिणी प्रवेश द्वार के अंदर एक ढांचा गायब
2 फरवरी के हमलों के बाद से बलूचिस्तान क्षेत्र में जबरन लापता होने की घटनाओं में कथित तौर पर वृद्धि हुई है. हालांकि राइट एक्टिविस्ट ऐसी घटनाओं के लिए सशस्त्र बलों को जिम्मेदार ठहराते हैं.