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हिजाब को लेकर मचा है हंगामा, जानिए अलग-अलग मुल्क में हिजाब को लेकर है क्या कानून

पिछले कुछ सालों से न सिर्फ भारत में बल्कि फ्रांस, डेनमार्क जैसे देशों में भी हिजाब पर बहस छिड़ी हुई है. सऊदी अरब में जहां महिलाएं बिना हिजाब और बुर्के के अपने घरों से नहीं निकल सकती हैं वहीं यूरोप के कई देशों में पब्लिक जगहों पर हिजाब पहनने पर मनाही है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • हिजाब, नकाब और बुर्का में है अंतर

  • कई देशों ने लगाया चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध

पिछले कुछ सालों से न सिर्फ भारत में बल्कि फ्रांस जैसे देशों में भी हिजाब पर बहस छिड़ी हुई है. कर्नाटक में उडुपी ज‍िले के प्री-यून‍िवर्सिटी कॉलेज में छात्राओं को ह‍िजाब पहनने की वजह से प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई. यह व‍िवाद राज्य के तमाम कॉलेजों में फैल गया है. इसके व‍िरोध में छात्र भगवा कपड़े पहनकर कॉलेज आने लगे हैं. दूसरी तरफ, इंटरनेट यूजर हॉलीवुड मॉडल जूलिया फॉक्स की एक फोटो को लेकर वोग फ्रांस को ट्रोल कर रहे हैं. इस फोटो में जूलिया ब्लैक आउटफिट में नजर आ रही हैं. जूलिया फॉक्स ने इसके साथ ही ब्लैक कलर का हेड स्कार्फ पहना हुआ है.

दुनिया में बहुत-सी संस्कृति हैं जिनमें सार्वजनिक स्थानों पर महिलाएं अपने सिर, बाल और चेहरा ढकती हैं. अब कोई इसे घूंघट, पर्दा, हिजाब या बुर्का कहे, लेकिन बहुत से समुदायों में इस परंपरा का प्रचलन है. और यह परंपरा समय-समय पर विवाद का कारण भी बनती है. सऊदी अरब में जहां महिलाएं बिना हिजाब और बुर्के के अपने घरों से नहीं निकल सकती हैं वहीं यूरोप के कई देशों में पब्लिक जगहों पर हिजाब पहनने पर मनाही है. 

अब सवाल आता है कि हिजाब क्या है? जिसके लिए हर देश में अलग-अलग नियम तय किए जा रहे हैं. और हिजाब पहनने की परंपरा कैसे शुरू हुई. 

क्या है हिजाब, नकाब और बुर्का: 

मॉडर्न इस्लाम में हिजाब का मतलब है पर्दा. बताया जाता है कि मुस्लिम धर्म की पवित्र किताब ‘कुरान’ में हिजाब का ताल्लुक कपड़े के लिए नहीं, बल्कि एक पर्दे के रूप में किया गया है. एक पर्दा जो औरतों और आदमियों के बीच हो. 

कुरान में मुसलमान पुरुषों और महिलाओं, दोनों को ही शालीन कपड़े पहनने की हिदायत दी गई है. हिजाब के अंतर्गत औरतों और आदमियों को ढीले और आरामदेह कपड़े पहनने को कहा गया है. साथ ही अपना सिर ढकने की बात कही गई है.

हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है. इसमें उनका चेहरा नहीं ढका जाता है. लेकिन कई जगहों पर मुस्लिम महिलाओं को सिर और बाल ढकने के साथ-साथ अपना चेहरा भी ढकना होता है. चेहरा ढकने के लिए महिलाएं नकाब का इस्तेमाल करती हैं. 

इसके अलावा बहुत- सी जगहों पर बुर्का पहना जाता है. जिसमें महिलाओं के सिर से लेकर पैर तक, सबकुछ कवर होता है. सिर्फ उनकी आंखें दिखती हैं. इनके अलावा अल-अमीरा, अबाया जैसी चीजें भी प्रचलन में हैं. 

कैसे हुई शुरुआत: 

देश-दुनिया में हिजाब या बुर्का पहनने की शुरुआत कब और कैसे हुई? इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी दे पाना मुश्किल है. क्योंकि इस्लाम में औरतों को अपने पिता और पति के अलावा अन्य सभी मर्दों के सामने खुद को ढककर रखने की बात कही जाती है. 

हालांकि, एक धारणा यह भी है कि कुरान में महिलाओं को सिर्फ अपना सिर ढकने के लिए कहा गया है. न कि अपने चेहरे को. लेकिन सच यही है कि बहुत पुराने जमाने से मुस्लिम महिलाएं हिजाब और बुर्का पहन रही हैं. क्योंकि अगर इतिहास उठाकर पढ़ा जाए तो आप देखेंगे कि ज्यादातर इस्लामिक शासकों के राज में उनकी महिलाएं परदों में ही रहती थीं. 

हालांकि, बहुत से ऐसे उदहारण भी हैं जब मुस्लिम महिलाएं परदे से निकली. इनमें रजिया सुल्तान और बेगम नूरजहां जैसे नाम शामिल हैं. 

क्या है विवाद: 

यह सच है कि भारत से लेकर फ्रांस तक, लगभग सभी देशों में मुस्लिम महिलाओं के खुद को कवर करने को लेकर विवाद है. क्योंकि बहुत से देशों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए पब्लिक जगहों पर महिलाओं के खुद को कवर करने या अपना चेहरा ढकने पर रोक लगा दी है. 

ऐसे में इस्लाम धर्म के लोगों का कहना है कि यह उनकी पहचान और उनके धर्म पर सवाल है. क्योंकि हिजाब या बुर्का इस्लाम धर्म का हिस्सा है और इसलिए इस पर बैन लगाना सही नहीं है. लेकिन वहीं बहुत से ऐसे भी समुदाय हैं जो इस बैन का समर्थन करते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि हिजाब या बुर्का किसी भी महिला के साथ अन्याय है. 

जबकि बहुत-सी मुस्लिम महिलाएं इसे अपना अधिकार समझती हैं. और उनका कहना है कि हिजाब या बुर्के पर बैन लगाने का मतलब है महिलाओं से उनके अधिकारों को छीनना. 

किस देश में है क्या कानून: 

फ्रांस: 

फ्रांस में 2010 में बुर्का और नकाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. उनका कहना था कि इससे महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा. फ्रांस कानून के मुताबिक बुर्का और नकाब पर पूरी तरह बैन लगा हुआ है और अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

चीन: 

चीन में पब्लिक बस में हिजाब या नकाब पहनने की अनुमति नहीं है. अगर कोई ऐसा करे तो उन्हें बसों में सवारी नहीं करने दिया जाता है.

डेनमार्क:

डेनमार्क में भी पब्लिक जगहों पर चेहरा ढकने पर मनाही है. साल 2018 में इस पर डेनमार्क की संसद में कानून पारित हुआ था. इस काननू के तहत डेनमार्क की पुलिस को यह अधिकार है कि अगर वह किसी महिला का चेहरा नकाब या बुर्का या किसी भी तरह से ढका हुआ देखते हैं तो उन पर फाइन लगा सकते हैं और हटाने को कह सकते हैं.

जर्मनी:

साल 2017 में जर्मनी में सरकारी कर्मचारी, जज और सैनिकों के पर पूरा चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया.

श्रीलंका:

कुछ साल पहले हुए आतंकी हमले के बाद श्रीलंका ने भी सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

बेल्जियम:

बेल्जियम में 2011 से बुर्का और नकाब पर प्रतिबंधित हैं.

नीदरलैंड:

नीदरलैंड ने 2016 में कुछ जगहों पर बुर्का और नकाब को प्रतिबंधित कर दिया गया था. वहां के नियम के मुताबिक स्कूल के साथ-साथ एयरपोर्ट जैसी जगहों पर कोई अपना चेहरा नहीं ढक सकता है, जहां वहां पर आपको पहचान पत्र दिखाने की जरूरत होती है. 

कैमरुन:

साल 2015 में कैमरुन में बुर्का पर तब प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि वहां दो महिलाओं ने बुर्का पहनकर आत्मघाती हमला कर दिया था. 

इटली:

इटली के लोम्बार्डी में किसी भी महिला के बुर्का पहनने पर रोक है. यह रोक खास तौर पर अस्पताल और सार्वजनिक जगहों पर है.


सऊदी अरब:

सऊदी अरब में महिलाओं को हिजाब, नकाब, बुर्का के साथ अबाया पहनना जरूरी होता है. सऊदी अरब में महिलाओं को उन सभी जगहों पर यह पहनना पड़ता है जहां कोई गैर-मर्द मौजूद हो. 

ईरान:

1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है. महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर ढीले-ढाले कपड़े पहनने और सिर और गर्दन ढकने का आदेश है. 

पाकिस्तान:

पाकिस्तान भी एक मुस्लिम बहुल देश हैं लेकिन वहां हिजाब और बुर्का को लेकर कोई कानून नहीं है. हालांकि, देश में मुस्लिम महिलाओं के बीच बुर्का पोशाक काफी आम है. लेकिन यह उनकी मर्जी है. 

इंडोनेशिया:

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है जहां महिलाओं को यह तय करने की अनुमति दी जाती है कि वे हिजाब या नकाब जैसी कोई चीज लेना चाहती हैं या नहीं.