गरीबी से निपटने के लिए कनाडा बेसिक इनकम प्रोग्राम लागू करने की योजना बना रहा है. यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम पर कनाडा 1970 के दशक से काम कर रहा है. COVID-19 महामारी के बाद यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम की मांग और तेज हो गई है. बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए इसे हथियार के रूप में देखा जा रहा है. Guaranteed Basic इनकम क्या है, यह कैसे काम करती है, और महंगाई से निपटने के लिए ये क्यों जरूरी है. आइए जानते हैं.
क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम
इस स्कीम के जरिए कनाडा के हर नागरिक को भुगतान के रूप में निश्चित रकम दी जाएगी. यूबीआई सभी को एक निश्चित इनकम प्रदान करने की बात करता है, वहीं कनाडा की सरकार जिस पर चर्चा कर रही है वो गारंटीड यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रोग्राम है, जिसमें केवल उन लोगों को ही पैसे दिए जाएंगे जिनकी इनकम कम है.
कनाडा किस बुनियादी आय योजना पर विचार कर रहा है?
कनाडाई सरकार अस्थायी कर्मचारियों, लंबे समय से रह रहे लोगों सहित 17 साल के ज्यादा उम्र के सभी वयस्कों के लिए एक गारंटीड लिवेबल बेसिक इनकम पर विचार कर रही है. प्रस्तावित बिल मौजूदा हेल्थ बेनिफिट्स को बदल या कम नहीं करेगा. इसका मकसद अपने नागरिकों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें अपनी रोजमर्रा के जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष न करना पड़े. यूबीआई लोगों का जीवन स्तर बेहतर कर सकता है.
बेसिक इनकम प्रोग्राम की लागत कितनी होगी?
अप्रैल 2021 में अनुमान लगाया कि एक गारंटीड बेसिक इनकम प्रोग्राम कनाडा की गरीबी दर को आधा कर देगा. अगर कम आय वाले परिवारों को प्रति वर्ष लगभग 17,000 डॉलर दिए जाएं तो सरकार पर 85 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा.
क्या कनाडा ने पहले यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रोग्राम लागू करने की कोशिश की है?
कनाडा में यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रोग्राम को पहले आधिकारिक तौर पर लागू नहीं किया गया है. हालांकि प्रांतीय सरकार अपने-अपने स्तर पर नागरिकों को नकद राशि देकर इसे टेस्ट जरूर कर चुकी है. 1974 से 1979 तक मैनिटोबा की सरकार ने पूरे प्रांत में यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रोग्राम लागू किया था. इसे मिनकम नाम दिया गया. शहर के लगभग 30 प्रतिशत लोग मिनकम के लिए योग्य थे. इस पायलट प्रॉजेक्ट के बेहद सकारात्मक नतीजे आए थे. ओंटारियो ने 2017 में बेसिक इनकम पायलट लॉन्च किया. इस योजना का उद्देश्य 4,000 कम आय वाले लोगों को सालाना 17,000 डॉलर देना था. हालांकि 2018 में इस पायलट प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया. इसी तरह क्यूबेक ने 2023 की शुरुआत में बेसिक इनकम प्रोग्राम लॉन्च किया था. इसी तरह अलग-अलग समय पर कनाडा में कई बेसिक इनकम प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए. इनमें से कुछ सफल हुए तो कुछ को समय रहते बंद कर दिया गया.
ये 58 देशों में है बेसिक इनकम गारंटी
सउदी अरब, अर्जेंटिना, नार्वे, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, बुल्गारिया, आयरलैंड, जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, हांगकांग, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलेंड, डेनमार्क, कनाडा, अमरीका, फिनलैंड, न्यूजीलैंड, बेल्जियम, लिंचेस्टीन, जापान, आस्ट्रिया, लक्जमबर्ग, इजराइल, फ्रांस, दक्षिणी कोरिया, स्लोवेनिया, स्पैन, चेक गणराज्य, इटली, माल्टा, एस्टोनिया, साइप्रस, पोलैंड, अंडोरा, लिथुआनिया, कतर, स्लोवाकिया, ब्रुनेई, यूनाईटेड अरब अमीरात, लातविया, बहरीन, चिली, हंगरी, क्रोएशिया, ओमान, रूस, मोंटेरो, रोमानिया, बेलारुस, बहमास, उरुग्वे, कुवैत, बेलारुस, मलेशिया, कजाकिस्तान, बारबाडोस में बेसिक इनकम गारंटी स्कीम लागू है.