ब्रिटेन में हर साल सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से लोग सीमा पार कर जाते हैं. इसी को रोकने के लिए ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने अवैध माइग्रेशन बिल पेश किया है, जो विवादों में घिर गया है. लंदन सहित कई शहरों में इस बिल के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारी सरकार के अवैध माइग्रेशन बिल के खिलाफ मार्च निकाल रहे हैं और शरणार्थियों के समर्थन में नारे लगा रहे हैं.
नाव से अवैध रूप से ब्रिटेन आने वालों को रोकने की तैयारी
यूके सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस साल मार्च में पेश किया गया ब्रिटेन सरकार का अवैध माइग्रेशन बिल, यूनाइटेड किंगडम से उन व्यक्तियों को हटाने के संबंध में प्रावधान करता है जो आप्रवासन नियंत्रण के उल्लंघन करके प्रवेश कर चुके हैं. सरकार कानून बना कर छोटी नावों के जरिए ब्रिटेन में घुसने वाले लोगों पर रोक लगाने की तैयारी में है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि नाव से अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों को हिरासत में लिया जाएगा, बाहर किया जाएगा और देश में फिर से प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. सुनक ने कहा, यह उन लोगों के साथ अन्याय है जो यहां कानूनी रूप से आते हैं और नियमों से खेलने वाले लोग ब्रिटिश लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं. यह अवैध प्रवासन विधेयक नावों को रोकने के लिए नए कानून पेश करता है. बता दें कि पिछले साल 45,000 से अधिक लोगों ने छोटी नावों में सवार होकर अवैध रूप से अंग्रेजी चैनल पार किया था.
शरण नहीं देना गलत है
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों से संबंधित एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि 'यह बिल 1951 के शरणार्थी सम्मेलन का साफ उल्लंघन है. जिसमें कहा गया है कि शरणार्थी वो हैं, जो प्रताड़ना से बचने के लिए शरण मांग रहे हैं और इसके तहत उन्हें बेहद कठिन हालात के अलावा किसी शर्त पर वापस नहीं भेजा जा सकता. एजेंसी ने कहा कि अधिकतर लोग युद्ध और प्रताड़ना के कारण अपना देश छोड़कर भागते हैं और उन्हें पासपोर्ट और वीजा नहीं मिल पाता. ऐसे में उनके लिए कोई कानूनी रास्ता नहीं बचता. अब इस आधार पर उन्हें भविष्य में भी शरण नहीं देना गलत है और यह शरणार्थी सम्मेलन में तय की गईं बातों का उल्लंघन है.
गृह मंत्री की आलोचना
गत शनिवार को विरोध-प्रदर्शन का आयोजन 'स्टैंड अप टू रेसिज्म ग्रुप' द्वारा किया गया था और इसे स्टॉप द वार कोअलिशन, ब्लैक लाइव्स मैटर, मुस्लिम और यहूदी समाजों के साथ-साथ कई यूनियनों और पर्यावरण संगठनों सहित कई अलग-अलग समूहों और संगठनों का समर्थन मिला. प्रदर्शनकारियों ने कंजर्वेटिव पार्टी की प्रवासन नीतियों को खारिज कर दिया और विवादास्पद रवांडा योजना और हाल ही में अवैध प्रवासन विधेयक को लेकर देश की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन की आलोचना की. रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने निर्वासन बंद करो, सुरक्षित मार्ग, रवांडा उड़ानें नहीं और "शरण मांगना कोई अपराध नहीं है जैसे बैनर और पोस्टर लहराए.