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पहली बार Nitrogen Hypoxia से दी गई दोषी को फांसी, जानें अब दुनियाभर में क्यों हो रही है चर्चा 

नाइट्रोजन गैस वाली इस मौत में कैदी को शुद्ध नाइट्रोजन दी जाती है. ऐसा करने से कैदी के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और फिर उसकी दम घुटने से मौत हो जाती है.

Nitrogen Gas Execution Nitrogen Gas Execution
हाइलाइट्स
  • अमेरिका में मौत की सजा 

  • नाइट्रोजन हाइपोक्सिया को लेकर हो रहा विवाद 

अलबामा में नाइट्रोजन गैस का उपयोग करके केनेथ यूजीन स्मिथ को मौत की सजा दी गई है. इस मौत ने अमेरिका में मृत्युदंड के तरीकों को लेकर बहस फिर से शुरू कर दी है. 1988 में मर्डर करने के दोषी केनेथ स्मिथ को नाइट्रोजन हाइपोक्सिया से मौत दी गई है. नाइट्रोजन हाइपोक्सिया से फांसी दिए जाने वाला यह पहला व्यक्ति है. हालांकि, पूरी दुनिया में अब उसकी फांसी से आक्रोश फैल गया है. 

अमेरिका में मौत की सजा 

अमेरिका में मौत की सजा दिया जाना कई बार चर्चा का विषय बना है. फिर चाहे वह बिजली के झटके से मौत हो या खतरनाक इंजेक्शन की सजा. सजा देने की ये विधियां हमेशा चर्चा का विषय बनती हैं. इंजेक्शन से मौत की सजा देना एक आम तरीका बना हुआ है, लेकिन हाल के वर्षों में दवा कंपनियों ने इन दवाओं की आपूर्ति करना कम कर दिया गया है. लेकिन पहली बार ऐसा था जब किसी को नाइट्रोजन हाइपोक्सिया की सजा दी गई है. नाइट्रोजन गैस देने के बाद केनेथ यूजीन स्मिथ की मौत दम घुटने से हो गई. 

नाइट्रोजन हाइपोक्सिया और इससे जुड़ा विवाद 

नाइट्रोजन गैस वाली इस मौत में कैदी को शुद्ध नाइट्रोजन दी जाती है. ऐसा करने से कैदी के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और फिर उसकी दम घुटने से मौत हो जाती है. केनेथ यूजीन की मौत के बाद कई एक्सपर्ट्स इस मेथड पर चर्चा कर रहे हैं. कई मिनटों तक केनेथ यूजीन के कांपने और छटपटाने की खबरों ने इस चर्चा को और भी तेज कर दिया है. कुछ लोगों ने इसकी तुलना "हॉरर शो" से की है. इसके आलावा, गैस लीक होने पर एग्जीक्यूशन चैम्बर में मौजूद व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है. 

कैसे करता है ये मेथड काम?

दरअसल, हमारी हवा का 78% हिस्सा नाइट्रोजन ही है. जब इसमें ऑक्सीजन मिल जाती है तो इसमें सांस लेना सुरक्षित हो जाता है. ऐसे में नाइट्रोजन हाइपोक्सिया के दौरान, कैदी के मुंह पर एक ब्रीथिंग मास्क लगाया जाता है और उसमें नाइट्रोजन दी जाती है. ऐसे में शरीर में नाइट्रोजन जाने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे कुछ ही सेकंड में बेहोशी आ जाती है. और इसके कुछ मिनटों में कैदी की मौत हो जाती है. ऑक्सीजन की कमी से फिर दिल की धड़कन रुक जाती है. इतना ही नहीं कैदी को उल्टी भी हो सकती है.