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Nuclear Briefcase or Football: जानिए क्या है न्यूक्लियर फुटबॉल, जिसे विदेशी दौरों पर हमेशा साथ रखते हैं रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति

हाल ही में, बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद पुतिन को सुरक्षाकर्मियों से घिरा देखा गया और उनके पीछे वर्दी में दो रूसी नौसैनिक अधिकारी एक ब्रीफकेस लिए हुए थे, इसे Nuclear Briefcase या Nuclear Football कहा जाता है.

Nuclear Briefcase Nuclear Briefcase
हाइलाइट्स
  • अमेरिका में हुई थी न्यूक्लियर ब्रीफकेस की शुरुआत 

  • बहुत खास है यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस

हाल ही में, बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अधिकारियों के परमाणु (न्यूक्लियर) ब्रीफकेस ले जाने की दुर्लभ तस्वीरें दिखाई गईं. इस परमाणु ब्रीफ़केस को 'न्यूक्लियर फुटबॉल' भी कहते हैं. बताया जाता है कि इसका उपयोग परमाणु हमले का आदेश देने के लिए किया जा सकता है. बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद पुतिन को सुरक्षाकर्मियों से घिरा देखा गया और उनके पीछे वर्दी में दो रूसी नौसैनिक अधिकारी एक ब्रीफकेस लिए हुए थे.

यह परमाणु ब्रीफकेस, जो हर समय राष्ट्रपति के पास रहता है और शायद ही कभी फिल्माया जाता है. पारंपरिक रूप से एक नौसेना अधिकारी इसे ले जाता है जिसे "चेगेट" (काकेशस पर्वत में माउंट चेगेट के नाम पर) के नाम से जाना जाता है. हालांकि, यह परमाणु ब्रीफकेस सिर्फ पुतिन नहीं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति के पास भी होता है. 

दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण और रहस्यमय - "फुटबॉल"
हालांकि, न्यूक्लियर फुटबॉल वास्तव में फुटबॉल नहीं है बल्कि एक ब्रीफकेस हैं. आधिकारिक तौर पर इसे "प्रेसिडेंशियल इमरजेंसी सचेल" (Presidential Emergency Satchel) कहा जाता है. "परमाणु फुटबॉल" एक भारी ब्रीफ़केस है जिसमें परमाणु युद्ध की योजनाएं होती हैं और यह राष्ट्रपति को परमाणु आदेशों को टॉप मिलिट्री अधिकारियों तक पहुंचाने में सक्षम बनाता है. 

यह परमाणु ब्रीफकेस एक सुरक्षित कम्यूनिकेशन टूल है जो राष्ट्रपति को उनके टॉप मिलिट्री अधिकारियों से जोड़ता है. इस भारी ब्रीफकेस को सैन्य अधिकारी उठाता है जो कभी भी राष्ट्रपति से पीछे नहीं रहता है, चाहे कमांडर-इन-चीफ हेलीकॉप्टर में चढ़ रहा हो या विश्व नेताओं के साथ बैठक से बाहर निकल रहा हो. 

परमाणु हथियार रखने वाले नौ देशों में से, अमेरिका, रूस और पाकिस्तान ही ऐसे तीन देश हैं जिनके सहयोगी परमाणु ब्रीफकेस के साथ अपने राजनीतिक नेताओं के पीछे-पीछे चलते हैं. राष्ट्रपति के पास मौजूद अल्फ़ान्यूमेरिक कोड के साथ-साथ व्यक्ति जो जानकारी रखता है, वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक नेता को किसी भी समय जरूरत पड़ने पर आर्मगेडन लॉन्च करने की अनुमति देता है.

कैसे हुई न्यूक्लियर ब्रीफकेस की शुरुआत 
1940 के दशक में परमाणु बम के निर्माण और उपयोग के बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति ड्वाइट डेविड आइज़नहावर को डर था कि अमेरिका परमाणु हमले के खिलाफ असहाय हो जाएगा. 1950 के दशक के शुरुआत में, उन्होंने एक सैन्य सहयोगी को दस्तावेजों से भरा एक बैग ले जाने का निर्देश दिया, जिससे राष्ट्रपति जब भी वाशिंगटन छोड़ें तो देश भर के मिलिट्री हेडक्वार्टर्स के साथ एक एक्शन प्लान के बारे में बात कर सकें.

आइज़नहावर के शुरुआती बैग में आपातकालीन कार्रवाई दस्तावेज शामिल थे जिससे कोई अन्य देश अगर हमला करता है तो राष्ट्रपति के पास इस बैग के जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाई पर नियंत्रण होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, परमाणु हमले की स्थिति में, राष्ट्रपति मूल रूप से सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं और वह सभी प्रकार के काम कर सकते हैं जो शांतिकाल में करने की अनुमति नहीं होती है.

आगे आइज़नहावर ने अपने उत्तराधिकारी, राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी को यह ब्रीफकेस सौंपा. और तब से अब तक यह विरासत के रूप में संभाला जा रहा है. हालांकि, समय-समय पर इस ब्रीफकेस के अंदर के डॉक्यूमेंट्स और अन्य कंटेंट में समय और जरूरत के हिसाब से बदलाव किए जाते रहे हैं. बताया जाता है कि इस ब्रीफकेस को कैनेडी के समय पर फुटबॉल जैसा लुक दिया जाने लगा था और तब से ही इसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं. 

रूस का न्यूक्लियर ब्रीफकेस
रूस और पाकिस्तान दोनों के पास एक जैसे न्यूक्लियर ब्रीफकेस हैं. अमेरिका का न्यूक्लियर फुटबॉल आज भी रहस्य है तो वहीं, रूस ने 2019 में टेलीविजन पर अपने देश के न्यूक्लियर ब्रीफकेस के कंटेंट को दिखाया था. रूसी टेलीविजन ने 2019 में दिखाया था कि ब्रीफकेस में परमाणु हमला शुरू करने के लिए रियल बटन, कोड वाला एक फ्लैश कार्ड और न्यूमेरिकल इंस्ट्रक्शन दर्ज करने के लिए एक कीपैड था. हालांकि, इसके बाद कभी भी इसके कंटेंट को नहीं दिखाया गया है. बताया जाता है कि इसके अलावा भी कुछ ऐसे सूटकेस हैं जिनके बिना पुतिन की कोई भी यात्रा पूरी नहीं होती है.