हमास और इजरायल के बीच हो रही जंग में कई मासूम रोज मर रहे हैं. मंगलवार देर रात गाजा के अल-अहली अस्पताल में कथित इजरायली हवाई में हमले में करीब 500 नागरिकों की मौत हो गई है. जहां कई देशों ने हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है वहीं इजरायल ने इस हमले में शामिल होने की बात से इनकार कर दिया है. इजरायल का कहना है कि इस हमले के पीछे फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद संगठन को बताया है.
रफा में बंद है क्रॉसिंग
गाजा में 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, ऐसे में इजरायल के वहां पानी, बिजली, भोजन और ईंधन की आपूर्ति बंद कर देने से ये सभी निवासी असहाय हो गए हैं. ऐसे में दक्षिण में मिस्र के साथ सीमा पार करने को गाजावासियों के लिए इजराइल के बमों की बारिश से बचने की आखिरी उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है, और कई फिलिस्तीनियों ने तो इस दिशा में आगे बढ़ना भी शुरू कर दिया है. हालांकि रफा में वह क्रॉसिंग बंद है.
रफा में अब क्या स्थिति है?
रफा क्रॉसिंग फिलहाल बंद है, जिससे गाजा में सहायता नहीं पहुंच पा रही है. हालांकि अमेरिका गाजा में नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों के लिए एक मानवीय गलियारा स्थापित करने के लिए मिस्र पर दबाव डाल रहा है. वहीं मिस्र ने कहा है कि वह शरणार्थियों को अपने क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं देगा और इसके बजाय उसने इस बात पर जोर दिया है कि इजराइल उसे गाजावासियों को सहायता पहुंचाने की अनुमति दे.
कब खोली जा सकती है क्रॉसिंग?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रफा क्रॉसिंग में शामिल पक्षों की संख्या को देखते हुए बॉर्डर को खोलना एक मुश्किल मामला हो सकता है. इसके लिए मिस्र और हमास की मंजूरी की जरूरत होगी, जो सीधे क्रॉसिंग को कंट्रोल करते हैं, साथ ही इजराइल से भी अनुमति चाहिए होगी, जो राफा के आसपास के क्षेत्र सहित गाजा पर बमबारी कर रहा है. इसके लिए मिस्र ने पहले ही यह आश्वासन मांगा है कि इजराइल उनपर बमबारी नहीं करेगा.
क्यों है ये क्रॉसिंग इतनी महत्वपूर्ण?
दरअसल, युद्ध शुरू होने के बाद से रफा क्रॉसिंग के आसपास कई हवाई हमलों की सूचना मिली है, जिसमें मंगलवार को हुआ एक हमला भी शामिल है. बमबारी के बारे में जब इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) से पूछा गया तो उनके प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कि जब वे ये देखेंगे कि हमास वहां नुकसान पहुंचा रहा है तो वे इसका ध्यान रखेंगे.
मिस्र के उत्तरी सिनाई में स्थित, रफा क्रॉसिंग गाजा और मिस्र के बीच एकमात्र बॉर्डर क्रॉसिंग है. इसमें 8-मील (12.8-किलोमीटर) की फेंस है जो गाजा को सिनाई रेगिस्तान से अलग करती है.
70 साल में कई देश कर चुके शासन
गौरतलब है कि पिछले 70 साल में गाजा पर कई लोग शासन कर चुके हैं. 1948 के अरब-इजरायल युद्ध में यह मिस्र के नियंत्रण में आ गया था और 1967 के युद्ध में इजरायल ने इसपर कब्जा कर लिया था. इसी के बाद से इजरायल ने वहां यहूदियों को बसाना शुरू कर दिया था और फिलिस्तीनी निवासियों के आंदोलन को काफी कम कर दिया. 2005 में, इजरायल ने क्षेत्र से अपने सैनिकों और निवासियों को वापस ले लिया, और दो साल बाद इस पट्टी पर हमास ने कब्जा कर लिया था.
तब से, मिस्र और इजरायल ने क्षेत्र के साथ अपनी-अपनी सीमाओं पर कड़ा कंट्रोल लगा दिया है. साथ ही अब समुद्र या हवाई मार्ग से यात्रा को प्रतिबंधित भी कर दिया है.
गाजा और इजरायल क्रॉसिंग का क्या है लिंक?
बताते चलें कि इस महीने शुरू हुए युद्ध से पहले, इजरायल के पास गाजा के साथ दो क्रॉसिंग थीं: इरेज़, जो लोगों की आवाजाही के लिए है, और केरेम शालोम, जो माल के लिए है. दोनों पर भारी प्रतिबंध था और युद्ध शुरू होने के बाद से ये दोनों ही बंद हैं. इसने रफा क्रॉसिंग को मिस्र के साथ बाहरी दुनिया के लिए एकमात्र एंट्री पॉइंट के रूप में छोड़ दिया है.
कब होती है रफा क्रॉसिंग बंद?
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जुलाई तक हर महीने औसतन 27,000 लोगों ने बॉर्डर पार किया है. इस साल ये बॉर्डर 138 दिनों के लिए खुला था और 74 दिनों के लिए बंद था. क्रॉसिंग कब बंद होगी ये अक्सर जमीनी सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करता है. जबकि इजरायल का क्रॉसिंग पर कोई सीधा कंट्रोल नहीं है.
समय के साथ क्या हुई हैं रफा क्रॉसिंग पर बातें?
इजरायल और मिस्र ने 1982 में एक शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत यहूदी राज्य सिनाई प्रायद्वीप से हट गया था. इसके बाद इजरायल ने रफा क्रॉसिंग को खोला था. बीच में हुए उल्लंघन के बाद मिस्र ने वहां कंटीले तारों और धातु के बैरिकेड्स से रफा क्रॉसिंग को सील कर दिया था. तब से रफा क्रॉसिंग को लेकर वे काफी सख्त हो गए हैं. सामान्य दिनों में रफा क्रॉसिंग से अगर कोई आवाजाही करना चाहता है तो उसके लिए परमिट लगता है. केवल परमिट वाले गाजावासी और विदेशी नागरिक ही गाजा और मिस्र के बीच यात्रा करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं.