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Myanmar के Rakhine State में क्या हैं हालात, क्यों India ने जारी की Advisory, इस प्रांत से क्या है China का कनेक्शन

सेना ने म्यांमार में साल 2021 में तख्तापलट किया था. उसके बाद से सेना और विद्रोही गुटों में झड़प बढ़ती जा रही है. देश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. रखाइन प्रांत में हालत बदतर हो गए हैं. म्यांमार सेना के जवान अपनी जान बचाने के लिए भारत और बांग्लादेश में भाग रहे हैं. रखाइन प्रांत में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

Myanmar Army (File Photo) Myanmar Army (File Photo)

म्यांमार में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है और भारतीय नागरिकों को रखाइन प्रांत में सफर नहीं करने की सलाह दी है. इतना ही नहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने रखाइन प्रांत में रहने वाले भारतीयों को फौरन किसी सुरक्षित जगह पर जाने को कहा है. इतना ही नहीं म्यांमार में रहने वाले भारतीय नागरिकों यो यांगून में भारतीय दूतावास के साथ खुद को पंजीकृत कराने की सलाह दी गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद की जा सके. विदेश मंत्रालय ने ये एडवाइजरी क्यों जारी की है? रखाइन इलाके से चीन का क्या कनेक्शन है? चलिए आपको बताते है.

रखाइन प्रांत में क्या हैं हालात-
म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों में लड़ाई चल रही है. रखाइन प्रांत जुंटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. इस इलाके में एथनिक माइनॉरिटी की सशस्त्र शाखा अराकान सेना जुंटा से लड़ाई लड़ रही है.अराकान सेना ने पिछले साल युद्धविराम रद्द कर दिया था. अराकान ने जुंटा की कई चौकियों और टाउनशिप पर कब्जा कर लिया है. इस प्रांत में जरूरी सामानों की कमी होने लगी है और दूरसंचार सेवाएं ठप पड़ने लगी हैं.

क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी-
फरवरी 2021 में मिग आंग ह्वाइंग ने चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया था. उसके बाद से म्यांमार गृहयुद्ध में फंस हुआ है. हाल ही में अराकान सेना के हमले से बचने के लिए म्यांमार सेना के 260 जवान बांग्लादेश भाग गए. ये सभी म्यांमार की सीमा सुरक्षा गार्ड और सेना के जवान हैं. अराकान सेना ने पिछले एक हफ्ते में म्यांमार जुंटा बटालियन मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में सुरक्षा की स्थिति लगातार खराब हो रही है. इस इलाके में हालात और भी खराब होने की तरफ संकेत मिल रहे हैं. इसलिए विदेश मंत्रालय ने इस इलाके में भारतीय नागरिकों को नहीं जाने की सलाह दी है.

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रखाइन प्रांत से चीन का कनेक्शन-
म्यांमार-चीन आर्थिक कॉरिडोर रखाइन प्रांत से होकर बंगाल की खाड़ी तक जाता है. इस प्रांत में क्याखपियु नाम के बंदरगाह से रेल लाइन चीन तक पहुंचती है. इसकी सुरक्षा भी चीन के लिए अहम है. चीन ने रखाइन प्रांत से यून्नान प्रांत तक 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नेचुरल गैस और ऑयल पाइनलाइन बनाई है. अगर रखाइन प्रांत में सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ती है तो इस पाइलपाइन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. चीन पहले से ही इस प्रांत में अपने हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रहा है.

म्यांमार सीमा पर बाड़ लगा रहा भारत-
म्यांमार बॉर्डर पर सुरक्षा मुस्तैद करने केलिए भारत सरकार बाड़ लगाने जा रही है. भारत और म्यांमार के बीच 1643 किलोमीटर की लंबी सीमा है. भारत सरकार इस बॉर्डर पर बाड़ लगाने काम करेगी. 10 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा भी हो चुका है. इसके साथ ही पेट्रोलिंग ट्रैक भी बनाया जाएगा. बाड़ लगाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं.

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