
कनाडा में 59 साल के मार्क कार्नी को जस्टिन ट्रूडो के उत्तराधिकारी के रूप में देश के अगले प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता के रूप में चुना गया है. हार्वर्ड ग्रेजुएट और दो बार केंद्रीय बैंकर रहे कार्नी को तब नेता चुना गया है जब कनाडा और अमेरिका के बीच तनाव गहराया हुआ है. कार्नी अक्सर डोनाल्ड ट्रम्प पर कमेंट करते रहते हैं. यहां तक कि एक बार उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलना हैरी पॉटर के खलनायक लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट से भी की थी.
रविवार को, पार्टी सदस्यों द्वारा नामांकन प्रतियोगिता में मतदान करने के बाद कार्नी को ट्रूडो का उत्तराधिकारी चुना गया. ट्रूडो ने जनवरी में इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उन्हें आंतरिक विद्रोह का सामना करना पड़ा था. कार्नी लिबरल पार्टी के नेता के रूप में तुरंत कार्यभार संभाल लेंगे.
कौन हैं मार्क कार्नी
मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च, 1965 को नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ के फोर्ट स्मिथ में हुआ था. उनका पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ. उन्होंने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की. हार्वर्ड में, उन्होंने आइस हॉकी खेली, बैकअप गोलकीपर के रूप में काम किया और ऑक्सफोर्ड में, वे विश्वविद्यालय के आइस हॉकी क्लब के सह-कप्तान थे.
कार्नी के पास कनाडाई, ब्रिटिश और आयरिश नागरिकता है. वह गोल्डमैन सैक्स के पूर्व कार्यकारी हैं. 2003 में बैंक ऑफ कनाडा के डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले उन्होंने लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो में 13 साल तक काम किया. 2007 में उन्होंने बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर के पद को संभाला था. कार्नी को व्यापक रूप से कनाडा को 2008 के संकट के सबसे बुरे दौर से निकालने और ब्रेक्ज़िट को मैनेज करने में मदद के लिए सराहा जाता है.
2012 में कार्नी को बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में सेवा करने वाले पहले विदेशी के रूप में नामित किया गया. 2020 में बैंक ऑफ इंग्लैंड छोड़ने के बाद, उन्होंने क्लाइमेट एक्शन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में कार्य किया.
ट्रंप के आलोचक हैं कार्नी
मार्क कार्नी के चयन के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कार्नी ने कभी कोई राजनीतिक पद नहीं संभाला है. लेकिन फिर भी उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है. यह चयन उनके प्रोफेशनल करियर को देखते हुए किया गया है. दरअसल, कार्नी ने कई बार देश को मुश्किलों से निकालकर खुद को साबित किया है. जब पूरी दुनिया मंदी का सामना कर रही थी तब वह बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर थे और वह कनाडा को इस संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकालने में कामयाब रहे थे.
कनाडा में लिबरल पार्टी को विश्वास है कि वह डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का मुकाबला कर सकत हैं. कार्नी ने भी इस मामले में डॉलर के बदले डॉलर का नारा दिया है. कार्नी ने पार्टी नेता चुने जाने पर ट्रंप पर देश की अर्थव्यवस्था को कमतर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कनाडा को एक ऐसे मुल्क की वजह से मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं, जिन पर हम अब भरोसा नहीं कर सकते. साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका कनाडा का सम्मान नहीं करता है तो वे भी अमेरिका पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. उनका कहना है कि वह ट्रंप को कनाडा पर भारी नहीं पड़ने देंगे.