scorecardresearch

US: कौन हैं Tanya Chutkan, इनका India से क्या है Connection, जानिए इस जज को Donald Trump ने क्यों की बदलने की मांग

तान्या छुटकन को 2013 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संघीय न्यायाधीश के रूप में नामित किया था. इसके अगले साल अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति  से उनकी पुष्टि की थी. तान्या 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन पर हमला करने वाले ट्रंप समर्थकों के लिए एक कठोर दंड देने वाली जज के रूप में पहचानी जाती हैं. 

Tanya Chutkan and Donald Trump (photo twitter) Tanya Chutkan and Donald Trump (photo twitter)
हाइलाइट्स
  • तान्या छुटकन का जन्म 5 जुलाई 1962 को जमैका में हुआ था

  • 25 सालों से अधिक समय से रह रहीं हैं यूएस में

डोनाल्ड ट्रंप पर साल 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश करने का आरोप है. इस मामले की जांच न्यायाधीश तान्या छुटकन कर रहीं हैं. आइए आज जानते हैं तान्या छुटकन का इंडिया से क्या कनेक्शन है और ट्रंप ने इस न्यायाधीश को बदलने की मांग क्यों की है?

क्या है भारत से कनेक्शन
तान्या छुटकन का जन्म 5 जुलाई 1962 को किंग्स्टन, जमैका में हुआ था. उनके पिता विंस्टन छुटकन एक इंडो-जमैकन डॉक्टर हैं और उनकी मां नोएल एक एफ्रो-जमैकन हैं. छुटकन का एक छोटा भाई नॉर्मन और एक छोटी बहन रोबिन हैं. इंडो-जमैका उन लोगों के वंशज हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप से जमैका आए थे. अफ्रीकियों और बहुजातीय लोगों के बाद भारतीय जमैका में तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है. 

यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से हासिल की डिग्री
तान्या ने 1983 में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की. बाद में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया लॉ स्कूल में दाखिला लिया. वहां से डिग्री हासिल की. तान्या 1987 से 1990 तक लॉ फर्म होगन एंड हार्टसन से जुड़ी रहीं. इसके बाद 1990 से 1991 तक उन्होंने डोनोवन, लीजर, रोगोविन, ह्यूज एंड शिलर की लॉ फर्म में काम किया. 1991 से 2002 तक वह कोलंबिया जिले के लिए पब्लिक डिफेंडर सर्विस में एक ट्रायल वकील और पर्यवेक्षक थीं. 2002 में वह बोइज, शिलर और फ्लेक्सनर की कानूनी फर्म में शामिल हो गईं. तान्या को 2013 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संघीय न्यायाधीश के रूप में नामित किया था. इसके अगले साल अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति  (95-0) वोट से उनकी पुष्टि की थी. जब उनकी पुष्टि हुई थी तब वह वाशिंगटन डीसी संघीय ट्रायल कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में सेवा करने वाली तीसरी अश्वेत महिला थीं.

एशियाई मूल की होने के कारण आलोचना का करना पड़ा सामना 
तान्या ने फरवरी 2022 में खुलासा किया था कि उनकी योग्यता और वर्षों के अनुभव के बावजूद, उन्हें अपने अप्रवासी होने और अश्वेत-एशियाई मूल की होने के कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा. तान्या के पास जमैका और अमेरिका दोनों की नागरिकता है. तान्या की शादी पीटर क्रौथमर से हुई है. पीटर डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के सुपीरियर कोर्ट के पूर्व एसोसिएट जज हैं. उन्होंने 30 जून, 2023 को अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी. तान्या और पीटर के दो बच्चे हैं. 

कड़ा फैसला लेने के लिए हैं जानी जातीं 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तान्या 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन पर हमला करने वाले ट्रंप समर्थकों के लिए एक कठोर दंड देने वाली जज के रूप में पहचानी जाती हैं. उन्हें ट्रंप की ओर से नियुक्त फ्लोरिडा के संघीय न्यायाधीश एलीन कैनन की तुलना में अधिक 'सख्त' माना जाता है. तान्या ने कैपिटल हिल दंगों में शामिल दोषियों को कठोर सजा सुनाई है. उनके सामने आए 31 प्रतिवादियों में से न्यायाधीश तान्या ने प्रत्येक को कम से कम कुछ समय तक जेल की सजा जरूर सुनाई है. ऐसे में उनका कार्यभार ट्रंप की कानूनी टीम को चिंतित कर सकता है. 

क्या है ट्रंप का मामला
साल 2020 में हुए चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने चुनावी नतीजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद 6 जनवरी 2021 को ट्रंप समर्थकों ने राजधानी पर धावा बोल दिया था. डोनाल्ड ट्रंप सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण में असफल माने गए. इसके बाद ट्रंप पर आरोप लगे कि वह हार के बावजूद पद पर बने रहे. इसलिए ट्रंप पर साल 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश करने का आरोप हैं. इस मामले की जिम्मेदारी न्यायाधीश तान्या छुटकन को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सौंपी थी. 

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दावा किया कि 2020 के चुनाव धोखाधड़ी मामले में उन्हें नहीं लगता कि निष्पक्ष सुनवाई होगी. इसलिए वह अपने ऊपर लगाए गए आपराधिक मुकदमे की निगरानी एक अलग न्यायाधीश से कराने और मामले को वाशिंगटन से बाहर स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर करेंगे. ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पर इस संबंध में पोस्ट किया है. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आरोप कई वर्षों बाद अब लगाए गए हैं, जब चुनाव होने वाले हैं. इससे साफ है कि यह सिर्फ साजिश है. अमेरिका के कोलंबिया जिले के जिला न्यायालय ने ट्रप की टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. ट्रंप तमाम तरह की कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भी 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.