अगर इमरान खान अविश्वास मत हार जाते हैं, तो एक नई सरकार का नेतृत्व विपक्षी नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ कर सकते हैं. शहबाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं. इसका संकेत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को दिया था.
पीपीपी के चेयरमैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं. वह अब प्रधान मंत्री नहीं हैं. संसद सत्र कल है. चलो कल मतदान करते हैं और इस मामले को सुलझाते हैं. हम तब पारदर्शी चुनाव और लोकतंत्र की बहाली की यात्रा पर काम करना शुरू कर सकते हैं. आर्थिक संकट तब शुरू हो सकता है. " उन्होंने कहा शरीफ बहुत जल्द पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनाए जाएंगे.
कौन हैं शहबाज शरीफ?
शहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं. वे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और फिलहाल नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं. इसके अलावा शहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष भी हैं. नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ 3 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 2018 में नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम ली-नवाज का अध्यक्ष बनाया गया था.
पंजाब प्रांत के सबसे लंबे समय तक के मुख्यमंत्री
शरीफ को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त है. उन्होंने इस पद पर तीन बार काम किया है. वह 1997 में पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने. लेकिन, जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा 1999 के तख्तापलट के बाद, उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा और अगले आठ साल के लिए उन्हें सऊदी अरब भेज दिया गया. शहबाज शरीफ अपने भाई के साथ 2007 में पाकिस्तान लौटे. साल 2008 में उनकी पार्टी फिर से चुनाव जीती और वो पंजाब के सीएम बन गए. पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शरीफ का तीसरा कार्यकाल 2013 में शुरू हुआ. उन्होंने 2018 के चुनावों में PML-N की हार तक अपना कार्यकाल पूरा किया. 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया था.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में जा चुके हैं जेल
दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB)ने शहबाज शरीफ और उनके बेटे, हमजा की 23 संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए सील कर दिया था. उन्हें एनएबी द्वारा सितंबर, 2020 में इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था और लंबित मुकदमे में कैद कर लिया गया था. तब उनकी पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि विरोध के चलते सियासी रंजिश में यह कार्रवाई की गई है. अप्रैल 2021 में लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर रिहा कर दिया.
संकट में पीएम की कुर्सी
पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. जिसे सदन में पेश किया जा चुका है और इस पर गुरुवार को वोटिंग होने की उम्मीद है. सहयोगियों के साथ छोड़ने के बाद इमरान खान सरकार अल्पमत में आ चुकी है. उम्मीद है कि वोटिंग में इमरान खान मत हार जाएंगे ऐसे में उनका सत्ता से बेदखल होना तय है.