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Pro Palestine Protests: Columbia University से लेकर California तक, अपने ही स्टूडेंट्स को प्रोटेस्ट करने पर क्यों गिरफ्तार कर रहा है अमेरिका, जान लीजिए

न्यू यॉर्क पुलिस ने मंगलवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी से 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलस में भी पुलिस ने हिंसा भड़कने के बाद हस्तक्षेप किया.

कोलंबिया यूनिवर्सिटी से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करती पुलिस (Photo/AP) कोलंबिया यूनिवर्सिटी से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करती पुलिस (Photo/AP)
हाइलाइट्स
  • अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में जारी है प्रदर्शन

  • इसराइल से समर्थन वापस लेने की उठी मांग

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में कई हफ्तों से चल रहे फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों (Pro-Palestine Protests) में पिछले कुछ दिनों से हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं. गिरफ्तारियों में भी इजाफा हो रहा है. न्यू यॉर्क सिटी पुलिस ने मंगलवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) और सिटी कॉलेज कैंपस से करीब 300 लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के हैमिल्टन हॉल (Hamilton Hall) को भी खाली करवाया जहां कई प्रदर्शनकारी विद्यार्थी मौजूद थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में कितने स्टूडेंट्स हैं और कितने नहीं, यह जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है. 

दो हफ्ते से चल रहा था प्रदर्शन 
प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ही न्यू यॉर्क पुलिस को बुलाया था और उसी के अनुरोध पर पुलिस कैंपस में घुसी. यूनिवर्सिटी का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल में तोड़फोड़ और घेराबंदी की. सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ये प्रदर्शनकारी दो हफ्तों से कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया यूनिवर्सिटी से 109 प्रदर्शनकारी जबकि सिटी कॉलेज से 173 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "यूनिवर्सिटी को जब बीती रात पता चला कि हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया है और तोड़फोड़ की गई है तो हमारे पास कोई चारा नहीं बचा. न्यू यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (NYPD) को बुलाने का फैसला प्रोटेस्टर्स की कार्रवाई के बाद लिया गया, न कि उनके प्रोटेस्ट के कारण की वजह से. हम यह साफ कर चुके हैं कि कैंपस का माहौल वे लोग खराब नहीं कर सकते जो नियम और कानून की लगातार धज्जियां उड़ाते हैं." 

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में भी झड़प 
इस बीच, समाचार एजेंसी एपी (Associated Press) की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स (UCLA) में प्रदर्शनकारी समूहों के भिड़ने के बाद पुलिस ने हालात को काबू में किया. रिपोर्ट में बताया कि दो प्रदर्शनकारी समूह आपस में भिड़ गए. दोनों के बीच हाथापाई हुई और दोनों एक-दूसरे को पीटने, लात मारने और लाठियों का इस्तेमाल करने लगे.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ओर से वेरिफाइड एक फुटेज में देखा जा सकता है कि फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के बनाए हुए बैरिकेड्स को कुछ लोग लाठी-डंडों से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हिंसा भड़कने के बाद पुलिस रायट गियर पहनकर परिसर में दाखिल हुई और हिंसा को शांत किया.

पुलिस पर भी लगे आरोप
इस बीच, सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो घूम रहे हैं जिनके जरिए अमेरिकी पुलिस पर कोताही बरतने और पक्षपात करने के आरोप लग रहे हैं. इसराइल-विरोधी यहूदी समूह 'इफ नॉट नाउ' (Ifnotnow) के सदस्य राफाएल शिमुनोव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि इसराइल समर्थक समूह कैलिफोर्निया में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं. 
 

एक अन्य वीडियो में दावा किया गया कि न्यू यॉर्क पुलिस सड़क पर प्रदर्शनकारियों को हिंसक तरीके से गिरफ्तार कर रही है और हिंसा का रास्ता अपना रही है. 
 


इस लिए हो रहा प्रदर्शन
अमेरिका के कई स्कूलों और यूनिवर्सिटीज में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों में छात्रों की प्रमुख मांग है कि उनके संस्थान इसराइल से जुड़ी कंपनियों या ऐसे व्यवसायों से अलग हो जाएं जो गजा में चल रहे युद्ध का फायदा उठा रही हैं. यूनिवर्सिटीज ने अब तक इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस विनिवेश का कंपनियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. कई विद्यार्थियों की यह मांग भी है कि यूनिवर्सिटी अपने निवेश का खुलासा करें, इसराइल के विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक संबंध तोड़ें और गज़ा में युद्धविराम का समर्थन करें.

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया में एक छात्र प्रदर्शनकारी अल्थिया ने कहा, "हमने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उन कंपनियों से सभी निवेश वापस लेने को कहा है जो फलिस्तीनियों के नरसंहार से पैसे कमा रही हैं."