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Israel-Hamas War: लंबी जंग का दावा करने वाला हमास घुटने क्यों टेक रहा, क्या इजराइल 4 दिनों के युद्ध विराम के बाद गाजा पर नहीं बरसाएगा बम, यहां जानिए

Ceasefire in Gaza by Israel: इजराइल ने हमास को कुचलने में अपनी पूरी ताकत लगा दी है. हमास कई मोर्चों पर नेस्तनाबूद हो चुका है. गाजा की तबाही पर ये रिपोर्ट बताती है कि हमास के पास अब घुटने टेकने के सिवा कोई चारा नहीं. 

Israel-Hamas War (file photo) Israel-Hamas War (file photo)
हाइलाइट्स
  • इजराइल 50 बंधकों के बदले 300 फिलिस्तीनियों की रिहाई पर राजी

  • पहले फेज में 150 फिलिस्तीनी होंगे रिहा

अमेरिका और कतर की मदद से इजराइल और हमास के बीच एक अहम डील हो चुकी है. इसके तहत चार दिनों तक जंग रुकेगी और हमास इजराइली बंधकों रिहा करेगा. इसके बदले इजराइल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. मौटे तौर पर बच्चों और महिलाओं की रिहाई होगी. बंधकों में कुछ विदेशी भी रिहा होंगे. 

इजराइल 50 बंधकों के बदले 150 फिलिस्तीनियों की रिहाई पर राजी हुआ था लेकिन अब वो 300 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा, जो उसकी कैद में हैं. इजराइल ने इनकी लिस्ट भी जारी कर दी है. हालांकि पहले फेज में 150 कैदी ही रिहा होंगे. इनमें से एक पर भी मर्डर का केस नहीं है. कुछ पर हमले और कत्ल की कोशिश का आरोप है. बाकी पर छोटे-मोटे आरोप हैं.

क्या है पूरी डील?
हमास और इजराइल के बीच बीते डेढ़ महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी जंगे में दोनों तरफ से गोले-बारूद की बारिश हो रही थी. बीते 47 दिनों से टैंक से लेकर जंगी जहाज तक रात-दिन बम बरसा रहे थे. इस जंग में शहर के शहर तबाह हो रहे थे और इमारतें मलबे में तब्दील होती जा रही थीं. वही युद्ध अब कुछ रोज के लिए थम सकता है. हमास और इजराइल के बीच एक बड़ी डील फाइनल हो गई है और 240 में से कुछ बंधकों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है.

इस डील के तहत चार दिनों तक का युद्धविराम होगा और इस दौरान 12 से 13 के ग्रुप में कुल 50 बंधकों की रिहाई होगी. हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा तो इजराइल इसके बदले में 150 कैदी फिलिस्तीनियों की रिहाई करेगा. आम तौर पर दोनों तरफ से बच्चों और महिलाओं की रिहाई होगी. चार दिनों का युद्धविराम इस रिहाई के लिए होगा. दोनों तरफ से इस दौरान हमले नहीं होंगे. इसके बाद भी रिहाई का प्रोग्राम जारी रहेगा. यदि हमास 10 बंधक रिहा करेगा तो बदले में इजराइल एक दिन तक जंग को रोक देगा. 

ये जंग है और ये अंत तक जारी रहेगी
हालांकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपने देश की संसद और कैबिनेट को इस डील के लिए राजी करना आसान नहीं था. इससे इजराइल की नरमी के संकेत मिल सकते थे. इसीलिए नेतन्याहू ने कैबिनेट की बैठक से पहले एक संदेश जारी करके कहा कि हम चार दिनों के युद्धविराम की डील कर रहे हैं लेकिन इसके बाद जंग दोबारा जारी रहेगी, जब तक हमास खत्म नहीं हो जाता. नेतन्याहू ने कहा- ये बकवास बात है कि युद्धविराम के बाद जब बंधक रिहा हो जाएंगे तो हमारी जंग खत्म हो जाएगी. ये जंग है और ये जंग अंत तक जारी रहेगी.

अमेरिका का दखल काम कर गया
ये पूरी डील अमेरिकी की मदद से हो पाई. अमेरिका ने इसमें कतर का साथ लिया. यानी अमेरिका ने कतर की मदद से ये डील फाइनल कराई. कतर ने हमास को समझाया और मध्यस्थता की जिसके बाद हमास इस डील को सील करने पर राजी हो गया. इसके अलावा तुर्की भी चाह रहा था कि जंग को थामने के लिए ऐसी डील हो. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन तैयप इसका संकेत दे चुके थे. वहां के विदेश मंत्री और इंटेलीजेंस चीफ ने इसमें रोल अदा किया. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही संकेत दे चुके थे कि इस तरह की डील होने वाली है. 

असल में बंधकों की रिहाई को लेकर इजराइल पर अपने लोगों का भी दबाव था. लगातार इसको लेकर प्रदर्शन हो रहे थे. नेतन्याहू के दफ्तर पर ऐसे कई प्रदर्शन हो चुके थे. लोग हर शनिवार को इस तरह के बड़े प्रदर्शन कर रहे थे. दिनोंदिन इनमें लोगों की तादाद बढ़ रही थी. अगवा लोगों के घर वाले मंगलवार को ही इटली के विदेश मंत्री से भी मिले थे. ये लोग ये भी मांग कर रहे थे कि हमास के कैदियों की मौत की सजा देने की बात नहीं की जाए क्योंकि इससे बंधकों की रिहाई मुश्किल हो जाएगी.

शांति की उम्मीद आई नजर
बहरहाल जंग के 47 दिनों के बाद चार दिन के युद्धविराम से शांति की उम्मीद नजर आई है. यदि हमास ने और भी बंधकों की रिहाई की तो हो सकता है कि जंग खत्म होने की तरफ बढ़े. हमास की कैद में कुल 240 बंधक हैं, जिनमें से सिर्फ चार को अब तक रिहा किया गया है. बंधकों की हालत खराब हो रही है. जिस भयावह तरीके से इन लोगों को अगवा किया गया था उसने दुनिया को सिहरा दिया था. अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों के लोगों को भी हमास ने अगवा किया था और इनका इस्तेमाल ढाल के तौर पर कर रहा है.

हमास का तांडव भूली नहीं दुनिया
दरअसल, बीते 7 अक्टूबर को इजराइल से जो तस्वीरें आईं, उन्हें देखकर दुनिया भी सन्न रह गई थी. पैराशूट और ग्लाइडर्स की मदद से हमास के दरिंदे इजराइल-गाजा की सरहद पर उतरे थे और फिर ऐसा तांडव मचाया कि इंसानियत शर्मसार हो गई. हमास के लड़ाके कई महिलाओं और बच्चों को अगवा करके ले गए. इजराइल के लोग चीखते रहे, रहम की भीख मांगते रहे लेकिन हमास के लड़ाकों ने सालाना जश्न मना रहे लोगों में से कई को अगवा कर लिया. बाइक से लेकर गोल्फ कार्ट पर बैठाकर लोगों को ले जाया गया. कई बंधकों के हाथ पीछे की तरफ बांधे गए थे. लोग लहूलुहान नजर आ रहे थे.

हमास की कैद में कुल 29 देशों के लोग
हमास की कैद में अब भी 240 लोग बंधक हैं. इनमें दो साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं. 240 में से आधे दूसरे देशों के लोग हैं. कुल 29 देशों के लोग बंधक हैं. इनमें अमेरिका के 9, थाइलैंड के 23, अर्जेंटीना के 15, जर्मनी के 12, फ्रांस के 6 और रूस के 6 नागरिक शामिल हैं. विदेश नागिरकों को बंधक बनाए जाने की वजह से ही दुनिया के कई देश खासकर यूरोपीय देश लगातार बंधकों की रिहाई की कोशिश कर रहे थे. 

हमास ने हालांकि अब तक चार बंधकों को रिहा भी किया है. इस दौरान उसने ये जताने की भी कोशिश की थी कि वो बंधकों का खयाल रख रहा है.  पहले 17 अक्टूबर को इजराइल की दो बुजुर्ग महिलाओं को छोड़ा गया. इनके नाम नूरित कूपर और योचेवेद लिफशिट्ज हैं. इसके बाद 20 अक्टूबर को फिर दो अमेरिकी महिलाओं की रिहाई हुई थी. इनके नाम हैं जूडिथ रानन और नतेली. इस दौरान हमास के लड़ाके इन महिलाओं को कुछ खिलाते दिखे थे. लेकिन ये सारी कवायद हमास की अपनी छवि बनाने की थी. असल हकीकत दुनिया जानती है.

हमास की हकीकत ये है कि वो अपने लोगों को भी ढाल की तरह इस्तेमाल करता है और उनको बंधक बनाने से बाज नहीं आता. हाल में गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल से तस्वीरें आईं जिनमें हमास के लड़ाके शिफा अस्पताल में आम लोगों को बंधक बनाते दिखे, हथियारों के दम पर उनको एक तरफ ले जाते दिखे ताकि इजराइली सेना के हमले से खुद को बचा सकें.

क्यों बंधकों की रिहाई पर मजबूर हुआ हमास?
आतंकी संगठन हमास ने आखिरकार घुटने टेकने का पहला बड़ा संकेत दे दिया जब वो 50 बंधकों की रिहाई करने पर राजी हो गया. जो हमास 47 दिन में सिर्फ चार बंधक छोड़ पाया वो अगले चार दिन में 50 बंधक रिहा करेगा. आखिर क्यों हमास को कदम पीछे खींचने पड़े. अब तक लाखों लोगों को अपनी ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा हमास क्यों पीछे हट रहा है? इसके पीछे इजराइल की सैन्य ताकत, इजराइल की बारूदी बारिश है. 

इजराइल जंग के मैदान में हर मोर्चे पर हमास पर भारी पड़ चुका है. पहले इजराइल ने गाजा पर अपनी सरहद में रहते हुए ही टैंकों और जंगी जहाजों से बेशुमार बम बरसाए. अपने सैनिकों को महफूज रखते हुए इजराइल ने दूर से हमले किए. इसके बाद गाजा के भीतर घुसकर जमीनी हमले करने की बारी आई. इजराइल के टैंक धड़धड़ाते हुए गाजा के भीतर दाखिल होने लगे. सैकड़ों मरकावा टैंकों ने गाजा की धरती को रौंद डाला. घर के भीतर घुसकर ऐसे हमले किए कि हमास भी दहल गया.

इजराइल ने किसी को नहीं बख्शा. हर उस ठिकाने पर हमले किए जहां हमास के आतंकियों के छुपे होने का शक था. पहले गाजा की एक इमारत पर इजराइली झंडा लहरा, फिर हमास की संसद से लेकर सिटी सेंटर हर जगह इजराइल का झंडा लहरा गया. इजराइल ने हर जगह हमले किए. चाहे वो अस्पताल हो या फिर रिफ्यूजी सेंटर. मस्जिद हो या फिर स्कूल. हर जगह इजराइल ने भीषण हमले किए.

इजराइल ने हमास को ऐसे किया कमजोर
गाजा में कैसी तबाही मची है, इसको आप इन आंकड़ों से समझ सकते हैं. मौतों की कुल तादाद 14000 के पार हो गई है. 10 हजार इमारतें गिर चुकी हैं. 43 हजार घर जमींदोज हो चुके हैं. 300 स्कूल कॉलेज तबाह हुए हैं. 25 अस्पताल  हमलों के बाद बंद हो गए हैं. गाजा के इंडोनेशियाई अस्पताल पर हुए हमले में 12 लोग मारे गए. किसी को निकलने नहीं दिया जा रहा है. कई लोग बुरी तरह घायल हैं.

इजराइल ने हमास को पूरी तरह कमजोर कर दिया है. जिस सुरंग नेटवर्क पर उसको सबसे ज्यादा भरोसा था, वहां तक इजराइल की सेना पहुंच गई है. कई सुरंगों को तबाह कर दिया है. हमास के कई टॉप कमांडर ढेर हो चुके हैं. इजराइल ने हमास के कई लड़ाकों को ढेर कर दिया है. हमास लड़ाके ईंधन के लिए जूझने लगे, बिजली पानी तक का संकट हो गया. इजराइल हमास के साथ-साथ हिजबुल्लाह को भी नहीं बख्श रहा है. इजराइल की यही तेजतर्रार और हमलावर रणनीति हमास को भारी पड़ रही है और अब वो इस जंग से निकलने का रास्ता तलाश रहा है. बंधकों को छोड़ने की डील भी इसी का नतीजा है.

(तेल अवीव से राजेश पवार के साथ ब्यूरो रिपोर्ट)