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Israel vs Hezbollah War: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच क्यों बढ़ता जा रहा है युद्ध का खतरा, जानें पूरा मामला

Israel vs Lebanon War: हिजबुल्लाह ने इजरायल पर बड़ा हमला किया जिसमें 12 इजरायली बच्चों की मौत हो गई. इस हमले के बाद पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका का दौरा बीच में छोड़कर वापस देश लौट आए. इजरायल ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है. इसके बाद दोनों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ गया है. इससे पहले भी दोनों के बीच लड़ाई हुई है. आखिरी बार दोनों के बीच साल 2006 में लड़ाई हुई थी. जिसमें काफी नुकसान हुआ था.

Benjamin Netanyahu (Photo/@netanyahu) Benjamin Netanyahu (Photo/@netanyahu)

इजरायल और लेबनान के शिया मिलिशिया ग्रुप हिजबुल्लाह में युद्ध का खतरा बढ़ने लगा है. इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स में एक फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमले में इजरायली 12 बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद इजरायल ने लेबनान की सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया है. अब युद्ध की आशंका बढ़ गई है. हालांकि दोनों तरफ से युद्ध से बचने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन दोनों ने तैयार रहने की भी बात कह रहे हैं. 

इजरायल ने गोलन हाइट्स में 12 बच्चों की मौत का आरोप हिजबुल्लाह पर लगाया है और कड़ी कार्रवाई का की बात कही है. हालांकि हिजबुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है.

इजरायल और हिजबुल्लाह में लड़ाई क्यों?
फिलिस्तीन के मिलिटेंट ग्रुप हमास ने 7 अक्तूबर को इजरायल पर हमला किया था. उस हमले के एक दिन बाद 8 अक्तूबर को हिजबुल्लाह के साथ गोलाबारी शुरू कर दी थी. हिजबुल्लाह का कहना है कि उसके हमले का मकसद उन फिलिस्तीनियों का समर्थन करना है, जिनके खिलाफ गाजा में इजरायल बमबारी कर रहा है.

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गाजा युद्ध में ईरान समर्थित आतंकी ग्रुप कूद पड़े हैं. ईरान के नेटवर्क का सबसे शक्तिशाली ग्रुप हिजबुल्लाह है. उसका कहना है कि जब तक गाजा में युद्धविराम नहीं लागू होता है, तब तक इजरायल पर हमले नहीं रोकेगा.

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच कई बार युद्ध हो चुका है. आखिरी बार दोनों की बीच साल 2006 में लड़ाई हुई थी. उस समय हिजबुल्लाह ने इजरायल की सीमा के भीतर एक घातक हमला किया था. उसके बाद इजरायली सैनिकों ने हिजबुल्लाह के खात्मे के लिए दक्षिणी लेबनान पर हमला किया था. 

इजरायल हिजबुल्लाह को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है. हिजबुल्लाह अपनी ताकत बढ़ा रहा है और सीरिया में भी उसकी ताकत बढ़ी है. जिससे इजरायल चिंतित है. हिजबुल्लाह फिलिस्तीन की जमीन पर इजरायल का अवैध कब्जा मानता है और उसे खत्म करना चाहता है.

कितना हो सकता है खतरनाक-
भले ही इजरायल और हिजबुल्लाह की तरफ से खूब उग्रता दिखती है. लेकिन अभी भी टकराव नियंत्रित है. इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने दिसंबर में चेताया था कि अगर हिजबुल्लाह ने चौतरफा युद्ध शुरू किया तो बेरूत को गाजा में बदल दिया जाएगा. उधर, हिजबुल्लाह ने पहले संकेत दिया था कि वो लड़ाई को बढ़ाना नहीं चाहता है. इसके साथ उसकी तरफ से ये भी कहा गया कि वह किसी भी थोपे गए युद्ध को लड़ने के लिए तैयार है.

पहले भी जब दोनों के बीच लड़ाई हुई है तो काफी नुकसान हुआ है. साल 2006 में जब इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब हिजबुल्लाह के कंट्रोल वाले बेरूत के इलाकों में तबाही मची थी. इजरायल ने बेरूत एयरपोर्ट को तबाह कर दिया था. इसके अलावा सड़क, पुल के साथ दूसरी बुनियादी सुविधाओं पर भी प्रहार किया था. इजरायल के इस हमले की वजह से लेबनान से 10 लाख लोग अपना घर छोड़कर चले गए थे. उधर, इजरायल में 3 लाख लोगों ने अपना घर छोड़ दिया था. हिजबुल्लाह के हमले में 20 हजार घर तबाह हुए थे.

टाला जा सकता है संकट?
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच किसी भी संघर्ष को टाला जा सकता है. लेकिन ये गाजा के हालात पर निर्भर है. हालांकि अब तक गाजा में संघर्ष विराम और इजरायली बंधकों की वापसी पर सहमति की सारी कोशिशें बेकार साबित हुई हैं.

अमेरिका हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन मानता है. अमेरिका गाज में संघर्ष कम करने को लेकर राजनीतिक प्रयास कर रहा है. उधर, हिजबुल्लाह ने लेबनान को फायदा पहुंचाने वाले समझौते को लेकर पॉजिटिविटी दिखाई है. लेकिन उसका कहना है कि जब तक इजयराल गाजा में हमले बंद नहीं करता है, तब तक कोई चर्चा नहीं हो सकती. जबकि इजयराल का कहना है कि उत्तर में सुरक्षा बहाल करने के लिए डिप्लोमेटिक सेटलमेंट को पसंद करेगा. लेकिन उसका ये भी कहना है कि वो  सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार है.

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