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World Snake Day 2023: क्यों मनाया जाता है सर्प दिवस, क्या है इसका इतिहास, स्नेक के काटने पर क्या करें, जानें सांपों के बारे में कुछ रोचक बातें

दुनिया भर में 3500 से ज्यादा तरह के सांप पाए जाते हैं. इनमें से केवल 20 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते हैं. भारत में सांपों की 300 प्रजातियां पाई जाती हैं. हर साल 16 जुलाई को स्नेक डे मनाया जाता है. इसका मकसद दुनियाभर में लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करना है. 

World Snake Day World Snake Day
हाइलाइट्स
  • विश्व सांप दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई थी 

  • धरती पर पाए जाने वाले केवल 20 प्रतिशत सांप ही होते हैं जहरीले 

हम सभी ने कभी न कभी कोई सांप जरूर देखा होगा. असल में नहीं तो फिल्मों में तो ये आसानी से देखने को मिल जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस सांप का नाम सुनते हैं अक्सर लोग डर जाते हैं, उस सांप का भी एक दिवस होता है. जी हां, 16 जुलाई को हर साल विश्व सर्प दिवस यानी वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है. आइए जानते हैं आखिर क्यों इस डे को मनाया जाता है?

इस तरह से हुई इस डे को मनाने की शुरुआत
विश्व सांप दिवस को मनाने की शुरुआत सबसे पहले 1970 में हुई. ऐसा माना जाता है कि 1967 में टेक्सास में सांपों के लिए एक फर्म की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे 1970 तक काफी मशहूर हो गई. इस फर्म ने लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करने का भी काम किया. इस दौरान फर्म ने ही 16 जुलाई को सांपों को लेकर विशेष आयोजन किए, जिसे देख बाद में अन्य एनजीओ ने भी सांपों के बारे जागरूकता फैलानी शुरू कर दी और इस तरह इस दिन की शुरुआत हुई.

क्या है उद्देश्य
स्नेक डे को मनाने का मकसद दुनियाभर में लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करना है. साथ ही यह दिन सांपों से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है. इस मौके पर दुनिया भर में लोग सांप के प्रति अपना प्यार जाहिर करने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं. साथ ही लोगों को सांप के बारे में जागरूक भी करते हैं.

इतने तरह के पाए जाते हैं सांप 
लोग सांप से इतना घबराते हैं कि उसे देखते ही मारने की कवायद शुरू कर देते हैं. उन्हें शायद पता नहीं कि दुनिया भर में 3500 से ज्यादा तरह के सांप पाए जाते हैं. इनमें से केवल 20 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते हैं. कमाल की बात यह है कि जितने सांप लोग डरकर मार देते हैं, उनमें से 10 प्रतिशत सांप भी जहरीले नहीं होते. भारत में सांपों की 300 प्रजातियां पाई जाती हैं. यही वजह है कि आपको अपने क्षेत्र के आसपास कोई न कोई सांप की प्रजाति जरूर देखने को मिली होगी.

ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक सांप 
1. मैनी बैंडेड क्रेट.
2. ग्रीन मांबा.
3. ब्लैक मांबा.
4. फिलीपीन कोबरा.
5. टाइगर स्नेक.
6. इनलैंड ताइपन.
7. सॉ-स्केल्ड वाइप.

सांपों के बारे में कुछ रोचक बातें
1. सांप अपने शिकार चबाते नहीं बल्कि निगलते हैं.
2. सांप की उम्र 4-25 वर्ष के बीच होती है.
3. किंग कोबरा जहरीले सांपों में सबसे लंबा होता है.
4. ब्राजील के स्नेक आइलैंड में सांपों आबादी सबसे घनी है.
5. कुछ सांपों के दो मुंह भी पाए जाते हैं. ऐसे सांप के दो दिमाग भी होते हैं.
6. एक शोध के बाद दावा किया गया कि सांप की एक प्रजाति ऐसी होती है जो बिना पुरुष सांप के भी अंडे पैदा कर सकती है.
7. ग्रास स्नेक और स्पिटिंग कोबरा की एक प्रजाति ऐसी होती है जो खतरा महसूस होने पर मरने का नाटक कर लेते हैं. 

सांप के काटने के बाद क्या करें
1. सांप के काटने के बाद घबराएं नहीं शांत रहें. सांप का दंश हमेशा घातक नहीं होता. 
2. सांप के काटने पर भागदौड़ न करें. इससे खून का दौरा बढ़ता है, जिससे जहर तेजी से शरीर में फैलता है.
3. सांप ने जिस अंग पर काटा है, उसे हिलाए-डुलाएं नहीं. पैर में काटा हो तो लेट जाएं. हाथ में काटा हो ता पट्टी बांधकर लटका दें.
4. काटने वाले स्थान के ऊपर खून रोकने के लिए रुमाल या रस्सी से बांध दें. बहुत कसकर न बांधें गैंग्रीन का खतरा हो सकता है. सांप के काटे दो घंटे हो चुके हों तो न बांधें.
5. खाली सिरिंज के अगले भाग को काटकर बेलननुमा बना लें. काटने वाले स्थान पर लगाकर जहर खींचें. ऐसा तुरंत करने पर काफी हद तक बचाव संभव है.
6. सांप के काटने वाले स्थान को काटे नहीं इंफेक्शन या अधिक रक्तस्राव हो सकता है.
7. सांप के काटने पर तुरंत ऐंटीसेप्टिक अथवा सादा पानी से घाव को धो लें.
8. सांप के काटने पर झाड़-फूक के चक्कर में समय नष्ट न करें, तुरंत अस्पताल जाएं. इसका एकमात्र इलाज एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन है.