
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति (President of America) पद की शपथ लेंगे. हालांकि उससे पहले ही ट्रंप एक्शन मोड में हैं. वह कनाडा (Canada) को संयुक्त राज्य अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं. ग्रेटर अमेरिका के नक्शे में ट्रंप ने कनाडा को दिखा दिया है. अब उनका कहना है कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए ग्रीनलैंड का भी अमेरिका में शामिल होना जरूरी है.
यही नहीं ट्रंप पनामा पर अमेरिका का कब्जा चाहते हैं. मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने के लिए वह ताल ठोंक रहे हैं. गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर करेंगे गल्फ ऑफ अमेरिका करने की बात भी कह रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि ट्रंप इस बार चाहते क्या हैं? क्या इस बार दुनिया का सामना बिल्कुल अलग तरह के अमेरिकी राष्ट्रपति से होने जा रहा है या फिर ट्रंप के बयानों का कुछ और भी मायने हैं.
ट्रंप की छवि है एक बेबाक नेता की
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ में भले कुछ दिनों का वक्त हो लेकिन लगता है ट्रंप कई सारे फैसले पहले से ही करके बैठे हैं. बाइडेन के तमाम फैसलों को पलटने का इरादा भी ट्रंप पहले ही जता चुके हैं. वह बयान पर बयान दे रहे हैं और उनका हर बयान दुनिया में हलचल मचा रहा है. ट्रंप के सारे बयान दुनिया पर बम की तरह बरस रहे हैं. दुनिया ट्रंप के इन बयानों के मायने निकाल रही है और सभी के मन में बस यही सवाल है कि ट्रंप शपथ से पहले जिस तरह गरज रहे हैं क्या राष्ट्रपति बनने के बाद उससे ज्यादा बरसने वाले हैं.
आपको मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप की छवि एक बेबाक नेता की है. उनकी कूटनीति में लाग लपेट नहीं है लेकिन शपथ से पहले वो जिस तरह से खुलकर बयान दे रहे हैं, उससे दुनिया टेंशन में आ गई है. ट्रंप के बयान बता रहे हैं कि इस बार वो अमेरिकी हितों के सामने कुछ भी सोचने के मूड में नहीं है. जानकारों का तो यहां तक कहना है कि ट्रंप का आने वाले कार्यकाल उनके पहले कार्यकाल के मुकाबले दुनिया के लिए कई मायनों में निर्णायक होने जा रहा है. इस बार दुनिया को अमेरिका के एक ऐसे राष्ट्रपति से डील करना है, जिसके लिए पहले अमेरिका है फिर बाकी की कूटनीति है.
ग्रेटर अमेरिका का बना लिया है एजेंडा
कनाडा के प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है. इसके बावजूद कनाडा की परेशानियां दूर होने के नाम नहीं ले रही हैं. ट्रंप पूरा का पूरा कनाडा लेने का मन बना चुके हैं. उन्होंने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रोग्राम तैयार कर लिया है. ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही ग्रेटर अमेरिका का एजेंडा बना लिया है. इस एजेंडे में सबसे पहले कनाडा है, जिसे अमेरिका में शामिल होने का प्रस्ताव पहले ही ट्रंप दे चुके हैं.
अब उन्होंने खुलकर कहा है कि कनाडा को दोनों देशों के बीच मौजूद आर्टिफिशियल लाइन खत्म कर देनी चाहिए. ट्रंप जिस गंभीरता के साथ कनाडा को अमेरिका में मिल जाने का आयडिया दे रहे हैं, अब उसे मजाक के तौर पर नहीं लिया जा रहा. कनाडा के कई लोग 51वां राज्य बनने को लेकर बेहद खुश हैं. अमेरिका अब और उस व्यापार घाटे और सब्सिडी का बोझ नहीं उठा सकता जो कनाडा को आर्थिक रूप से बचाए रखने के लिए जरूरी है. जस्टिन ट्रूडो को ये बात पता थी, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
...तो चाहिए अमेरिका का समर्थन
कनाडा को अपनी अर्थव्यवस्था चलानी है तो उसे अमेरिका का समर्थन चाहिए. ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका मदद देने के मूड में नहीं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा को अमेरिका से मिलने वाली 850 करोड़ की सब्सिडी का बंद होना तय है. ट्रंप की नजरों में रास्ता एक ही बचता है कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा हो जाए. लेकिन ये होगा कैसे. क्या ट्रंप कनाडा को मिलाने के लिए सेना का इस्तेमाल करेंगे. ऐसा नहीं है. ट्रंप के पास उसका भी उपाय है. सत्ता संभालने से पहले ट्रंप के ये बयान बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में वो कनाडा के साथ क्या करने वाले हैं.
कनाडा की अर्थव्यस्था ही नहीं बल्कि उसकी सुरक्षा भी अमेरिका के भरोसे है. अब ट्रंप कह रहे हैं कि अमेरिकी सेना पर निर्भर कनाडा को इसके लिए भुगतान करना होगा यानी अब कुछ भी मुफ्त में नही मिलने वाला. सवाल ये है कि कनाडा ट्रंप के प्रस्ताव को मानेगा या नामंजूर करेगा. सच्चाई ये है कि जस्टिन ट्रूडो की नीतियों ने कनाडा को पस्त कर दिया है. कनाडा में महंगाई की आग ऐसी लगी है कि कि लोग बेजार हैं. लोगों ने खुलेआम जस्टिन ट्रूडो पर गुस्सा भी निकाला. यदि कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाता है तो टैक्स में 60 फीसदी से ज्यादा की कटौती हो सकती है. यहां का व्यापार भी तत्काल दोगुना हो जाएगा. इसके अलावा दुनिया के किसी भी देश से ज़्यादा सैन्य सुरक्षा मज़बूत होगी.
नई बहस की हो गई है शुरुआत
कनाडा की अर्थव्यवस्था ही सिर्फ चिंता की बात नहीं है. हाल के वर्षों में कनाडा पाकिस्तान की तरह आतंकियों की सबसे पसंदीदा जगह बन गया है. इस्लामी आतंकवादी समूह HUT यानी हिज्ब उत-तहरीर 18 जनवरी को कनाडा के मिसिसॉगा में एक बैठक करने जा रहा है, जिसमें सभी गैर-मुस्लिम देशों को कैसे हराया जाए और कैसे एक वैश्विक खिलाफत बनाई जाए, इस पर रणनीति बनाई जाएगी. कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों और इस्लामी आतंकवादी समूहों को ट्रूडो ने खुली छुट दी और सीमा मिलने की वजह से ये अमेरिका के लिए भी चिंता की बात है. डर है कि कनाडा से होकर आतंकी अमेरिका में एंट्री कर सकते हैं. ट्रंप इन्हीं वजहों से ट्रूडो को नापसंद करते हैं. इतने नापसंद की सरेआम उनका मजाक भी उड़ाया. नकल उतारी और बेइज्जत भी किया.
ट्रंप ने ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर कहा. कनाडा को अमेरिकी राज्य बन जाने का प्रस्ताव दिया. इस्तीफा देने तक ट्रूडो चुप रहे लेकिन अब ट्रडो ने भी जवाब दिया है. साफ किया है कि कनाडा के विलय की कोई गुंजाइश नहीं है. ट्रूडो ने X पर लिखा है इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाएगा. दोनों देशों के वर्कर्स और सोसाइटी एक-दूसरे के सबसे बड़े ट्रेड और डिफेंस साझेदार होने से लाभान्वित होते हैं. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भी ट्रंप को कड़े शब्दों में जवाब दिया है. कहा है कि कनाडा ऐसी धमकियों से डर कर पीछे नहीं हटेगा. ट्रंप के बयान बताते हैं कि कनाडा को लेकर उनकी समझ काफी कमजोर है. हमारी इकोनॉमी और हमारे लोग काफी मजबूत हैं. हम खतरों का सामना करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे. कनाडा की मौजूदा सरकार और सत्ताधारी पार्टी ट्रंप के प्रस्ताव से सहमत नहीं. हालांकि जिस तरह के दांव ट्रंप चल रहे हैं और कनाडा के लोगों को बेहतर भविष्य का ऑफर दे रहे हैं, उससे नई बहस की शुरुआत हो गई है.
ग्रीनलैंड पर भी है ट्रंप की नजर
ट्रंप की नजर ग्रीनलैंड पर भी है. अमेरिकी का सुरक्षा के लिए उसे जरूरी मानते हुए ट्रंप उसपर अमेरिका का प्रभुत्व चाहते हैं. ट्रंप ने डेनमार्क को ग्रीनलैंड खरीदने का ऑफर दिया है. ग्रीनलैंड डेनमार्क का उपनिवेश था और अब उसके अधीन एक स्वायत्त क्षेत्र है. उन्होंने इसे खरीदने की बात की थी और उनके बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने ग्रीनलैंड का दौरा भी किया है. इतना ही नहीं ट्रंप ने पनामा नहर को नियंत्रण में लेने की बात की है और कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो सैन्य ताकत का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ट्रंप को यहां चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंता है. इतना ही नहीं ट्रंप ने मैक्सिको की खाड़ी का नाम अमेरिका की खाड़ी करने का भी वादा किया है.