रूस यूक्रेन के बीच अभी जंग खत्म भी नहीं हुई कि दूसरी तरफ अब सऊदी अरब और ईरान के बीच जंग के हालात बनते दिखाई दे रहे हैं. सऊदी अरब का कहना है कि ईरान उसके कई इलाकों पर जल्द ही हमला कर सकता है. सऊदी अरब इसको लेकर अमेरिका को एक रिपोर्ट भी सौंपी है. जिसके बाद खाड़ी देशों में मौजूद अमेरिकी फौज अलर्ट मोड पर आ गई है. खुफिया जानकारी साझा करने वाले अफसरों में एक ने कहा कि, "ये हमला 48 घंटों के अंदर" हो सकता है.
तीन अफसरों ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब पर संभावित हमले को लेकर चिंता बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि हम इस खतरे को लेकर अलर्ट मोड में हैं और फौज और खुफिया एजेंसियों से लगातार संपर्क साधे हुए हैं. पेंटागन के प्रेस सचिव जनरल पैट राइडर ने कहा कि अमेरिकी फौजी सऊदी अरब में खतरे को लेकर काफी फिक्रमंद हैं. हम अपने सऊदी भागीदारों के साथ भी संपर्क में हैं.
सऊदी पर हमला क्यों करना चाहता है ईरान?
दरअसल ईरान में एक महिला की मौत के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद ये खबरें आ रही हैं. ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह के अनुसार, 125 ईरानी शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 270 लोग मारे गए हैं और 14,000 को गिरफ्तार किया गया है.
ईरान में सर्वोच्च नेता ने देश में विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. ईरान के अधिकारियों ने 24 अक्टूबर से सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के मामलों की सुनवाई शुरू कर दी है, जिसमें उनमें से कम से कम 900 पर "पृथ्वी पर भ्रष्टाचार" का आरोप लगाया गया है - एक शब्द जिसका इस्तेमाल अक्सर ईरानी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसका दोषी पाया जाने पर मौत की सजा मिलती है
हाई अलर्ट पर है अमेरिका
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा जो बाइडेन सरकार के साथ साझा की गई खुफिया जानकारी के बाद अमेरिका को हाई अलर्ट पर रखा गया है बिडेन प्रशासन व्यापक विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई के लिए तेहरान की आलोचना कर रहा है और यूक्रेन में अपने युद्ध में उपयोग के लिए रूस को सैकड़ों ड्रोन भेजने के साथ-साथ तकनीकी सहायता के लिए इसकी निंदा कर रहा है.