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World’s oldest amputation: बिना एनेस्थीसिया या पेनकिलर, 31 हजार साल पहले पैर काटकर बचाई गई थी जान, वैज्ञानिकों ने खोजा कंकाल

वैज्ञानिकों ने 31 हजार साल पुराना एक ऐसा कंकाल खोज निकाला है, जिसके बाएं पैर का निचला हिस्सा कटा हुआ मिला है. ये संकेत है कि आज से 31 हजार साल पहले किसी व्यक्ति का अंग काटकर निकाला गया था, उसके बाद भी व्यक्ति के 6 से 9 साल तक जिंदा रहने के संकेत हैं.

वैज्ञानिकों को मिला ये कंकाल (Photo: Nature) वैज्ञानिकों को मिला ये कंकाल (Photo: Nature)
हाइलाइट्स
  • इस पहले 7 हजार साल पुराना कंकाल मिला था

  • पत्थर या हड्डी के उपकरण का हुआ था इस्तेमाल

आज साइंस ने काफी कुछ बदल दिया है. आज वो समय है किसी भी बीमारी का इलाज मुमकिन है. आज के समय में बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक की जा सकती है. लेकिन अगर आज से 31 हजार साल पहले की बात करें, तो ये मुमकिन नहीं था. उस वक्त आज के समय की तरह आधुनिक चिकित्सा उपकरण नहीं थे. लेकिन वैज्ञानिकों की एक टीम ने 31 हजार साल पुराने एक ऐसे कंकाल का पता लगाया है जो जिसके निचले बाएं पैर का एक हिस्सा शल्य चिकित्सा द्वारा काट दिया गया था. हैरानी की बात ये है कि उस समय आज के समय की तरह आधुनिक उपकरण ना होने की बावजूद भी ये कैसे मुमकिन है. फिलहाल इसे  शल्य चिकित्सा (Amputation) का सबसे पहले मामला माना जा रहा है. बता दें कि वैज्ञानिकों ने इस कंकाल को लियांग टेबो नाम की इंडोनेशियाई गुफा में खोज निकाला है. 

इस पहले 7 हजार साल पुराना कंकाल मिला था
नेचर जर्नल में इस कंकाल के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि ये हड्डियां बोर्नियो द्वीप के एक युवक ही हैं, जिसने बाएं पैर के निचले हिस्से को कटवाने के लिए सर्जरी करवाई थी. अध्ययन के अनुसार सर्जरी के करवाने के बाद युवक की न केवल जान बच पाई, बल्कि वो 6 से 9 साल तक जिंदा भी रहा. हालांकि उसकी मौत के कारण का कोई पता नहीं है. इस खोज से पहले 7 हजार साल पुराने फ्रांसीसी व्यक्ति के कंकाल पर एक सफल अंग विच्छेदन का सबसे पहला मामला देखा गया था. जिसका बायां अग्रभाग कोहनी के ठीक ऊपर था.

2020 में हुई थी खोज की शुरुआत
खोज 2020 की शुरुआत में हुई, जब ऑस्ट्रेलियाई और इंडोनेशियाई वैज्ञानिकों की एक टीम ने पूर्वी बोर्नियो के एक दूरस्थ, घने जंगलों वाले क्षेत्र में लियांग टेबो नामक एक गुफा की खुदाई की. पुरातत्वविदों के नेतृत्व में एक अभियान दल ने पूर्वी कालीमंतन, बोर्नियो में एक चूना पत्थर की गुफा में प्रागैतिहासिक रॉक कला की खोज करते हुए कंकाल की खोज की थी. सिडनी विश्वविद्यालय में एक जैव-पुरातत्वविद्, सह-लेखक मेलंद्री व्लोक बताते हैं, "जब कंकाल पूरी तरह से सामने आया, तो शोधकर्ताओं ने देखा कि उसके बाएं पैर का निचला हिस्सा पिंडली के बीच से नीचे की ओर गायब था. पिंडली की हड्डियों नीचे की ओर जुड़ी हुई थीं - एक दर्दनाक चोट के बाद उपचार का एक स्पष्ट संकेत था. लेकिन तब कोविड के कारण टीम का काम रोकना पड़ा था. 

पत्थर या हड्डी के उपकरण का हुआ था इस्तेमाल
जब वैज्ञानिक अगले वर्ष लौटे, तो वोलोक ने देखा कि पैर का अंत एक सीधी रेखा में साफ-सुथरा कट गया था, जिसमें कुचलने या चकनाचूर होने का कोई निशान नहीं था, जैसा कि अपेक्षित था कि कोई चट्टान उस पर गिर गई हो या किसी जानवर ने उसे काट लिया हो. वो बताती है. ""यह बिल्कुल वैसा ही दिखता है जैसा आप उम्मीद करेंगे अगर एक तेज ब्लेड पूरी तरह से हड्डी के लंबवत काटा जाए." ऐसा मालूम होता है कि प्राचीन सर्जन ने पैर के माध्यम से काटने के लिए पत्थर या हड्डी के उपकरण का इस्तेमाल किया था.