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World's Most Expensive Cow: दुनिया की सबसे महंगी गाय, कीमत 40 करोड़, भारत से है खास ताल्लुक

ब्राजील में हुई पशुओं की नीलामी में एक नेल्लोर गाय की कीमत 40 करोड़ रुपए लगी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह गाय भारतीय मूल की है और भारत के एक शहर के नाम पर इसका नाम पड़ा है.

Most expensive cow (Photo: Twitter/@ikaveri) Most expensive cow (Photo: Twitter/@ikaveri)

पशुधन नीलामी की दुनिया में एक नया रिकॉर्ड बना है जो आपको होश उड़ा देगा. नेल्लोर की एक गाय, जिसे वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस के नाम से जाना जाता है, अब तक बेची गई सबसे महंगी गाय बन गई है. ब्राजील में एक नीलामी के दौरान इस गाय की 4.8 मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत लगी, जो भारतीय रुपये में 40 करोड़ रुपये के बराबर है. यह बिक्री न सिर्फ पशुओं की नीलामी के इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि पशुधन उद्योग में बेहतर आनुवंशिक गुणों के महत्व को भी उजागर करती है. 

भारत की मूल निवासी है यह नस्ल 
अपने चमकीले सफेद फर और कंधों के ऊपर विशिष्ट बल्बनुमा कूबड़ की विशेषता वाली नेल्लोर नस्ल भारत की मूल निवासी है, लेकिन ब्राजील में सबसे महत्वपूर्ण नस्लों में से एक बन गई है. इन मवेशियों का नाम आंध्र प्रदेश के नेल्लोर शहर के नाम पर रखा गया है, जो उनके मूल देश को दर्शाता है. इस नस्ल को वैज्ञानिक रूप से बोस इंडिकस के नाम से जाना जाता है. यह भारत के ओंगोल मवेशियों की उत्पत्ति है, जो अपनी मजबूती और पर्यावरण के हिसाब से ढलने के लिए प्रसिद्ध थे.

ओंगोल मवेशियों की पहली जोड़ी 1868 में जहाज से ब्राज़ील पहुंची और साल्वाडोर, बाहिया में उतरी. इसके बाद और कई मवेशी वहां पहुंचे, जिनमें 1878 में हैम्बर्ग चिड़ियाघर से दो और जानवर शामिल थे. 1960 के दशक में सौ जानवरों को लाया गया, और इससे ब्राजील में इस नस्ल के प्रसार की शुरुआत हुई. 

क्या है इस नस्ल की खासियत 
इस नस्ल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह गर्म तापमान झेल सकती है, इसका मेटाब़लिज्म काफी अच्छा है और इनमें पैरासाइट इंफेक्शन भी नहीं होता है. इन कारणों से लोग आसानी से इस गाय को पाल सकते हैं. वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस में ये सभी विशेषताएं हैं और इस ब्रीड को जेनेटिकली और बेहतर विकसित किया गया है.

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वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस की बिक्री सिर्फ गाय के बारे में नहीं है, बल्कि उसकी क्षमता के बारे में भी है. इस गाय के जेनेटिक मैटेरियल- भ्रूण और वीर्य के रूप में, से ऐसी संतान उत्पन्न होने की उम्मीद है जो उसके बेहतर गुणों को आगे बढ़ाएगी और नेल्लोर नस्ल के सुधार में योगदान देगी. 

वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस की ऊंची कीमत का अंतरराष्ट्रीय मवेशी बाजार पर भी प्रभाव पड़ता है. यह दुनिया भर में इसकी प्रतिष्ठा को मजबूत करता है. ब्राज़ील में लगभग 80 प्रतिशत गाय नेल्लोर गाय हैं.