एक या दो करोड़ नहीं पूरे 1100 करोड़ रुपए में एक कार बिकी है. इसके साथ ही यह दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई. आप जानकर चौंक जाएंगे कि दुनिया की सबसे महंगी कार नई नहीं है बल्कि 67 साल पुरानी है. जी हां 67 साल पुरानी. इसे 1955 में बनाया गया था. इतना पैसा खर्च करने के बाद भी इसे खरीदने वाला कार को घर नहीं ले जा सकेगा. आप सोच रहे होंगे इतनी पुरानी कार को इतने महंगे दाम में कोई क्यों ही खरीदेगा. तो इसके पीछे की एक मुख्य वजह शौक है. पुराने सामानों का कलेक्शन करने का शौक. तो चलिए जानते हैं इस कार के बारे में.
मर्सडीज कंपनी की है कार
जर्मनी की मर्सडीज (Mercedes) कंपनी लग्जरी कारों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. आप अगर भारत में इस कंपनी की कार खरीदना चाहते हैं तो आपको कम से कम शुरुआती मॉडल के लिए 50 लाख रुपए की भारी भरकम राशि खर्च करनी होगी. लेकिन जो कार बिकी है उसे 1955 में ही बनाया गया था. 67 साल पुरानी इस कार का नाम मर्सडीज बेंज 300 एसएलआर (Mercedes Benz 300 SLR) है और यह रेसिंग कार है. इसमें 3 लीटर का इंजन दिया गया है और इसकी टॉप स्पीड 180 किमी प्रति घण्टे की है. इस कार को प्यार से लोग Mona Lisa Of Cars कहते हैं. इसको अमेरिका के एक बिजनेसमैन ने खरीदा है. बता दें कि इतना पैसा खर्च करने के बाद भी वो इस कार को घर नहीं ले जा सकेंगे. कार को म्यूजियम में रखा जाएगा.
फेरारी के रिकॉर्ड को तोड़ा
मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर ने फेरारी 250 GTO के रिकॉर्ड को तोड़ कर दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई है. फेरारी (Ferrari) की नीलामी 2018 में 70 मिलियन डॉलर में हुई थी. अगर भारतीय रुपयों में बताएं तो 1962 में बनी फेरारी 542 करोड़ रुपए में बिकी थी. लेकिन मर्सडीज लगभग दुगुने दाम में बिकी है. बताया जा रहा है कि इन पैसों का इस्तेमाल विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने में किया जाएगा.