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Yemen's Houthis: भारत जा रहे कार्गो शिप को लाल सागर में किया हाईजैक, जानें ऐसा करने वाले हूती संगठन के बारे में

कहा जा रहा है कि इस जहाज का लिंक एक इजरायली अरबपति से है. गैलेक्सी लीडर नाम वाले इस जहाज पर हूती विद्रोहियों ने रविवार दोपहर को अपने कब्जे में ले लिया था. 

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हाइलाइट्स
  • इजरायली प्रधानमंत्री ने दिया बयान

  • हूती ने किया जहाज अपहरणह

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग अभी भी खत्म नहीं हुई है. अब इसी कड़ी में इजरायल ने यमन के हूती आतंकवादी समूह पर दक्षिणी लाल सागर के जरिए भारत जा रहे एक मालवाहक जहाज का अपहरण करने का आरोप लगाया है. इजरायल ने इस घटना को "ईरान का आतंकवादी काम" बताया है. जिसके बाद से ही दोनों तरफ से तनाव बढ़ गया है. 

इजरायली प्रधानमंत्री का बयान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने इस हाईजैक की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है. हालांकि, हूती समूह ने इस हाईजैक की पुष्टि करते हुए कहा कि वे कब्जा करने वालों के साथ "इस्लामी सिद्धांतों और मूल्यों के अनुसार" व्यवहार कर रहे हैं. इस जहाज का स्वामित्व एक ब्रिटिश कंपनी के पास है, जबकि विद्रोहियों ने इसे इजरायली बताया है.

जहाज अपहरण के पीछे कारण

ब्रिटिश कंपनी के स्वामित्व वाला ये जहाज भारत जा रहा था, जिसे हूती ने हाईजैक कर लिया है. ये जहाज, अब यमनी बंदरगाह पर है, पर इसमें कोई इजरायली यात्री नहीं हैं. इसमें 25 चालक हैं. जो यूक्रेन, बल्गेरिया, फिलिपिन और मैक्सिको सहित अलग-अलग देश से ताल्लुक रखते हैं. कहा जा रहा है कि इस जहाज का लिंक एक इजरायली अरबपति से है. गैलेक्सी लीडर नाम वाले इस जहाज पर हूती विद्रोहियों ने रविवार दोपहर को अपने कब्जे में ले लिया था. 

कौन हैं ये हूती? 

तेहरान के साथ गठबंधन वाले हूती को गाजा पट्टी में हमास के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू करने के लिए जाना जाता है. 1990 के दशक के अंत में शुरू हुआ, हूती आंदोलन शिया इस्लाम के जायदी संप्रदाय का समर्थन करता है. इतना ही नहीं ये यमनी सरकार के साथ कई लड़ाई और सऊदी सीमा पर हुई कई झड़पों में शामिल रहा है.

हूती, जिसे आधिकारिक तौर पर अंसार अल्लाह कहा जाता है, यमन में मौजूद एक विद्रोही समूह है. ये संगठन 1990 के दशक के अंत में बना था. सबसे पहले ये संगठन शिया इस्लाम के जायदी संप्रदाय के समर्थन में उठा था. एक समय यमन के शासक रहे जायदी संप्रदाय को समय के साथ आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण वे हाशिए पर चले गए थे. हूती संगठन ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी हमास आतंकवादियों के साथ हमेशा एकजुटता दिखाई है. हूतियों का ये संगठन कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यमन की राजधानी सना और देश के अधिकांश हिस्से पर ये अपना नियंत्रण रखता है. हालांकि, इनका लक्ष्य रणनीतिक है.

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