किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत का चौथा दौर पॉजिटिव रहा. केंद्र सरकार ने इस बैठक में किसानों को कॉन्ट्रैक्ट प्रपोजल दिया गया. जिसपर विचार-विमर्श के लिए किसानों ने वक्त मांगा है. इस बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एंड उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हुए. इससे पहले भी किसानों के साथ सरकार की तीन दौर की बातचीत हुई थी. लेकिन उसमें कुछ खास निकलकर नहीं आया. चौथे दौर की बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई.
क्या है सरकार का प्रस्ताव-
किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और कुछ हद तक आम सहमति बनी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार 4 फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी देने को तैयार है. सरकार ने किसानों को 5 साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल, मक्का और कपास की फसलों पर खरीद का प्रस्ताव दिया है. सरकार का प्रस्ताव है कि राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) जैसी सहकारी समितियां अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाने वाले किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करेंगी. सरकार का प्रस्ताव है कि अगले 5 साल तक एमएसपी पर उनकी फसल खरीदी जाएगी.
खरीद की मात्रा पर कोई सीमा नहीं-
सरकार का प्रस्ताव है कि खरीद की मात्रा पर कोई सीमा नहीं होगी. इसका मतलब है कि इन फसलों की अनलिमिटेड खरीद हो सकेगी. इतना ही नहीं, सरकार ने एक पोर्टल विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया है. सरकार का मानना है कि अलग-अलग फसलों का उत्पादन होगा तो पंजाब में खेती बचेगी, भूजल लेवल पर सुधार होगा और जमीन को बंजर होने से भी बचाया जा सकेगा.
किसानों ने मांगा वक्त-
केंद्र सरकार का प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के लिए किसानों ने वक्त मांगा है. किसान संगठन अगले दो दिनों तक सरकार के प्रस्ताव को लेकर विमर्श करेंगे. उसके बाद कोई फैसला लेंगे. किसान ने सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम 19-20 फरवरी को अपने संगठनों के साथ बातचीत करेंगे. इसके बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके बाद फैसला लेंगे. किसान नेता ने कहा कि अभी कर्ज माफी और दूसरे मामले पर चर्चा नहीं हुई है. हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इसका समाधान हो जाएगा. आपको बता दें कि पंजाब के किसान 13 फरवरी से हरियाणा-पंजाब सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.
क्या है किसानों की मांग-
प्रदर्शन कर रहे किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी मांग रहे हैं. इसके साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग कर रहे हैं. कृषि कर्ज माफी और बिजली दलों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही किसानों और खेत में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेंशन की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान साल 2021 के लखीमपुर खीरी की हिंसा पीड़ितों के लिए इंसाफ की भी मांग कर रहे हैं.
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