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Indian Railways: कुंभ थीम पर तैयार किए जा रहे कोच, रेल यात्रियों को मिलेगा अनोखा अनुभव

महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) के आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए रेलवे विभाग ने खास तैयारी शुरू कर दी है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं और आयोजन की दिव्यता को ध्यान में रखते हुए कुंभ थीम पर आधारित रेलवे कोचेस तैयार किए जा रहे हैं.

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हाइलाइट्स
  • महाकुंभ की दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे

  • 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा महाकुंभ

महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) के आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए रेलवे विभाग ने खास तैयारी शुरू कर दी है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं और आयोजन की दिव्यता को ध्यान में रखते हुए कुंभ थीम पर आधारित रेलवे कोचेस तैयार किए जा रहे हैं.

महाकुंभ की दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे
इन कोचेस को महाकुंभ की संस्कृति, परंपरा, और आस्था को प्रदर्शित करने वाले आकर्षक चित्रों और रंगों से सजाया जा रहा है. कोचेस में महाकुंभ के प्रमुख घाटों, साधु-संतों, पवित्र गंगा स्नान, और सांस्कृतिक धरोहरों के चित्र उकेरे जाएंगे. इससे श्रद्धालु यात्रा के दौरान ही महाकुंभ की दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे.

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श्रद्धालुओं के लिए बनाए जा रहे सुविधाजनक कोच
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन विशेष कोचेस को श्रद्धालुओं के लिए अत्याधिक सुविधाजनक बनाया जा रहा है. इसमें आरामदायक सीटिंग, बेहतर सफाई व्यवस्था, और आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. इन कोचेस को महाकुंभ के दौरान प्रमुख रूटों पर चलने वाली विशेष ट्रेनों में लगाया जाएगा.

श्रद्धालुओं को मिलेगा खास अनुभव
रेलवे का यह प्रयास महाकुंभ के ऐतिहासिक महत्व को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने के साथ ही श्रद्धालुओं को एक विशेष अनुभव प्रदान करेगा. पूर्वात्तर रेलवे सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इन कोचेस की तैयारी तेजी से जारी है और इन्हें समय से पहले तैयार कर लिया जाएगा.

महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को रेलवे की यह पहल विशेष रूप से आकर्षित करेगी और उनकी यात्रा को सुखद एवं यादगार बनाएगी.

13 जनवरी 2025 से शुरू होगा महाकुंभ
हर बारह साल में मनाया जाने वाला महाकुंभ मेला सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है. कुंभ मेले कुल चार प्रकार के होते हैं: पूर्ण कुंभ, अर्ध कुंभ, महाकुंभ और कुंभ मेला. इस बार कुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी तक प्रयागराज में लगने वाला है. मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में पवित्र डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

-गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट